कूड़े को बेचकर नगर पंचायतों की आय कर रहे मजबूत
नगर पंचायत अगस्त्यमुनि और तिलवाड़ा को स्वच्छ व सुन्दर बनाने की दिशा में नगर पंचायतों की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। नगर पंचायतें अजैविक कूड़े से लाखों की आय प्राप्त कर चुके हैं, जबकि लाखों का अजैविक कूड़ा बिक्री के लिए तैयार किया गया है। स्वच्छता के क्षेत्र में नगर पंचायत अगस्त्यमुनि को दो बार सम्मानित किया गया है। नगर पंचायत को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ संरक्षण पुरस्कार उत्तर भारत में प्रथम एवं राज्य स्तर पर निर्मल नगर पुरस्कार का सम्मान मिला है।
पहले बात नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की करें तो वर्ष 2013 में नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की स्थापना हुई। इस समय नगर पंचायत दूसरा कार्यकाल चल रहा है। जब से अगस्त्यमुनि में नगर पंचायत की स्थापना हुई, तब से नगर में सफाई को लेकर व्यापारियों के साथ नगरवासियों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में नगर स्वच्छ व सुंदर बन सके। नगर को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए नगर पंचायत में लगभग तीस सफाई कर्मी तैनात है, जबकि दो मोबाइल कूड़ा वाहन भी सफाई में लगे हैं। नगर में पर्यावरण मित्र डोर टू डोर गीला व सूखे कूड़े को अलग अलग लाकर एक स्थान पर एकत्रित करते हैं, जिसके बाद 14 प्रकार से अजैविक कूड़े को अलग किया जा रहा है और काम्पेक्टर मशीन से इस कूडे को काम्पेक्ट कर रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जा रहा है।
नगर पंचायत ने गत अप्रैल से अब तक नगर के कूड़े से लाखों रुपए की आय प्राप्त कर चुकी है, जबकि लाखों का कूड़ा बिक्री के लिए तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र रिसाइकिंलिंग के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा नगर पंचायत में कंपोस्टिंग यूनिट लगाकर खाद बनाने की योजना भी है। जिससे नगर पंचायत की आय में इजाफा होगा।