एक्सप्लोरर
Advertisement
कबूल है.. कबूल है... कबूल है | Ram Mandir | ABP Ganga
देश की सबसे बड़ी अदालत में चल रहा सबसे बड़ा मुकदमा अपने निर्णायक मोड़ की तरफ बढ़ रहा है। फैसला आना ही है और माना जा रहा है कि जल्दी आएगा लेकिन इससे पहले दलीलों में कुछ संकेत उभरने लगे हैं। इन दलीलों से जाहिर होता है कि अयोध्या का फैसला जो भी हो, सबको कबूल है, कबूल है, कबूल है। दरअसल, 23 सितंबर को मुस्लिम पक्ष की तरफ से दलील रखने वाले राजीव धवन ने अदालत में दी दलील में इस बात का साफ तौर पर इशारा किया कि जन्मभूमि पर राम के जन्म को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं है। अयोध्या में दावे वाली जगह राम ने जन्म लिया ये भी कबूल है। बावजूद इसके मसला महज मंदिर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में 29वें दिन सोमवार को बहस करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने ये माना कि विवादित स्थल पर ही भगवान श्रीराम का जन्म हुआ और हिंदू पक्ष का अधिकार है यानि विवादित स्थल के बाहरी अहाते। राम चबूतरे पर मन्दिर था और वहां पूजा होती थी हालांकि मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन का कहना है कि सिर्फ राम चबूतरे पर ही उनका अधिकार है लेकिन इस बात से भी कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि 1528 में पौने पांच सौ साल पहले मस्जिद बनाई गई थी और 22 दिसंबर 1949 तक लगातार यहां पर नमाज हुई। तब तक वहां अंदर कोई मूर्ति नहीं थी। धवन ने ये भी कहा कि अगर भगवान राम और अल्लाह का सम्मान नहीं किया जाता तो ये महान देश विभाजित हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
Badrinath Dham Kapaat: आज से खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु | Uttarakhand
UP Politics: लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस का यूपी में क्या होगा, मंत्री Narendra Kashyap ने बताया
निवेश के बदले कमीशन का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ | UP News
मेरठ के लोहियानगर के मकान में धमाका, 4 लोग गंभीर रूप से घायल | UP News
Harish Rawat Interview: सपा साथ देती, तो बागेश्वर जीत जाती कांग्रेस!, हरदा ने माना, हो गई गलती
और देखें
Advertisement
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
बॉलीवुड
इंडिया
नौकरी
Advertisement