'जमात' का आघात | Tablighi Jamaat Program | Markaz Nizamuddin | ABP Ganga
ABP News Bureau
Updated at:
01 Apr 2020 04:00 PM (IST)
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कोरोना के विकराल होते संकट में निपटने के लिए केंद्र और यूपी सरकार के अलावा देश के तमाम राज्यों की सरकारे एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए पूरा देश लॉकडाउन है ताकि वायरस का संक्रमण रोका जा सके लेकिन कोरोना के खतरे के बीच ही देश की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के बीच मजहबी कार्यक्रम चलता रहा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग को ताक पर रख हजारों लोग एक साथ एक ही इमारत में जुटे हुए थे। जिसमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इसमें 441 लोगों में कोरोना के लक्षण पाये गए और जांच में 24 लोग कोरोना प़ाजिटिव मिले और अब इन लोगों की वजह से यूपी समेत देश के कई हिस्सों में संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है और अगर ऐसा हुआ तो ये देश में कोरोना के तीसरे स्टेज की शुरुआत होगी। दिल्ली में ये कार्यक्रम करके संक्रमण फैलाने के आरोप में तब्लीगी जमात के मौलाना साद पर मुकदमा दर्ज हो चुका है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ये लापरवाही किसकी थी और जानते बूझते वायरस के खतरे को मोल लेने का हिमाकत क्यों की गई।