Town hall Varanasi: हास्य कवि सांड़ बनारसी और झगड़ू भैया ने एबीपी गंगा के मंच पर कविताओं से बांधा समा
एबीपी गंगा के टाउन हॉल कार्यक्रम में काशी के बुद्धिजीवियों का जमावड़ा लगा। सभी ने काशी की संस्कृति, धरोहर की बात की। एबीपी गंगा के मंच से काशी और क्योटो की चर्चा खूब हुई। प्रबुद्धजनों का मानना है कि काशी सबको मुक्ति देती है। यही नहीं बुद्धिजीवियों का मानना है कि यहां कई तहजीब रहती हैं और आपस में कभी भी कोई मारामारी नहीं होती। वहीं मशहूर कवि सुदामा तिवारी जिन्हें सांड़ बनारसी के नाम से ज्यादा प्रसिद्धि मिली है, उन्होंने ठेठ बनारसी अंदाज में काशी की बात कही।
सांड़ बनारसी ने अपने विदेश यात्रा के दौरान एक घटना का वृतांत सुनाया। उन्होंने कहा कि विदेश में कविता पाठ के दौरान उनसे कहा गया कि वे क्लिंटन और लेविंस्की पर कविताएं सुनाये। इसके अलावा उन्होंने अपने उपनाम सांड़ रखे जाने के पीछे रोचक किस्सा भी साझा किया। सुदामा जी ने बताया कि 1962 में श्याम नारायण पांडे ने उनके लंबे चौड़े डील डौल को देखकर उनका नाम सांड़ रखा।