महामारी, मोहर्रम और मनमानी! क्या लोगों की जान से बढ़कर है धर्म?| Uttar Maange Pradesh
ABP Ganga
Updated at:
01 Jan 1970 05:30 AM (IST)
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क्या कोई भी धर्म किसी की जान से बढ़कर हो गया है, क्योंकि सरकार की पाबंदियों के बावजूद यूपी के शहरों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो सरेआम कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं. ऐसा तक हो रहा है जब शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी की तमाम मांगों को मानकर सरकार ने घर में ताजिए रखने की इजाजत दे दी है और मजलिस में भी 6 लोगों के शामिल होने की बात मान ली गई है. हालांकि ये नियमों के मुताबिक हो, इसकी जिम्मेदारी जिलों के उलेमाओं और धर्मगुरुओं को सौपी गई है, लेकिन उसके बावजूद कानून की धज्जियां उड़ाने वाली ऐसी घटनाएं कई सवाल खड़े करती हैं. सवाल ये कि मनाही के बावजूद क्यों निकला जुलूस ? सवाल ये भी कि क्या दीन बड़ा या अपने लोगों की जान ? सवाल ये भी कि क्या कोरोना और कानून से बढ़कर है रिवायत ?