UP Chunav: अपराधियों की जातिगत पहचान का मुद्दा उठाने से आखिर किसका भला होगा ?| Baat To Chubegi
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appचुभने वाली बात ये है कि 10 जुलाई 2020 को विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ, जाति विशेष के उत्पीड़न का मुद्दा अब क्यों उठाया ? एनकाउंटर के दिन मायावती ने किया था ट्वीट, मायावती ने तब अपने ट्वीट में विकास दुबे को 'दुर्दान्त' बताया था, जाति का जिक्र नहीं किया था. मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तब एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग की थी. लिखा था- 'जांच इसलिए भी जरूरी ताकि शहीद 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को मिल सके सही इंसाफ'. मायावती ने लिखा था कि 'पुलिस और आपराधिक- राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की सही शिनाख्त हो'. राजनीतिक-आपराधिक गठजोड़ के दोषियों के लिए मायावती ने की थी सजा की मांग . अगर बसपा की नजर में ये जातिगत उत्पीड़न था, तो तब पार्टी ने आवाज क्यों नहीं उठाई ? अपराधियों की जातिगत पहचान का मुद्दा उठाने से आखिर किसका भला होगा ?