Bhimrao Ambedkar Fact Check: आने वाले 14 अप्रैल को भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है. इससे संबंधित एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है. कई भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स भीमराव अंबेडकर के पोस्टर को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि अमेरिका ने एक ट्रेन में भारत के पहले कानून मंत्री भीमराव अंबेडकर की तस्वीर को 'जय भीम' लिखे हुए के सबसे लंबे झंडे के साथ लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. साथ ही, भारत में ऐसा कुछ नहीं करने के लिए यूजर्स सरकार की आलोचना कर रहे हैं. इस तस्वीर की सच्चाई क्या है, इसके बारे में यहां विस्तार से जानिए.


इंटरनेट पर वायरल हो रही तस्वीर
निहाल बैरवा नाम के एक ट्विटर यूजर ने भीमराव अंबेडकर की इसी तस्वीर को शेयर किया है. पोस्ट के कैप्शन में यूजर ने लिखा कि जो काम भारत नहीं कर सका वह काम अमेरिका ने करके दिखाया. अमेरिका की सबसे लम्बी दूरी की ट्रेन पे बाबासाहब का पोस्टर लगाया गया? मगर भारत की मनुवादी मीडिया यह खबर नहीं दिखाएगी. जय भीम. शेयर की गई तस्वीर में एक मेट्रो ट्रेन के फ्रंट में भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगी हुई है और ऊपर की तरफ जय भीम और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर लिखा है तो वहीं नीचे की दोनों साइड जय भीम लिखा हुआ है. ट्रेन की बाईं तरफ जय भीम' लिखा हुआ झंडा भी लगा हुआ है. इस तस्वीर को 18 मार्च की शाम 07:44 बजे शेयर किया गया है. अन्य यूजर्स भी इस तस्वीर को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसी दावे के साथ शेयर कर रहे हैं.






वायरल तस्वीर का सच
तमाम सर्च इंजनों के माध्यम से की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें कोई कन्फर्म रिपोर्ट या अमेरिका की एक ट्रेन पर लगाई गई अंबेडकर की तस्वीरें वाली कोई जानकारी नहीं मिलीं. वायरल तस्वीर पर गौर करने पर हमने पाया कि इस ट्रेन के ऊपरी साइड दाएं के कोने पर 1414 नंबर लिखा हुआ है. इसके बाद हमने असली तस्वीर का पता लगाया, जिसमें एक मीडिया वेबसाइट में हमने पाया कि ओरिजिनल तस्वीर में दिल्ली मेट्रो के कोच को दिखाया गया है और इसमें अंबेडकर का ऐसा कोई पोस्टर नहीं था. इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका की तरफ से अंबेडकर को ऐसी कोई श्रद्धांजलि नहीं दी गई और यूजर्स ने ऐसा दावा करने के लिए तस्वीर से छेड़छाड़ करके उसे एडिट किया है. 




24 दिसंबर, 2016 की एक मीडिया रिपोर्ट में असली तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, पोस्ट में तस्वीर को प्रतिनिधित्वात्मक तस्वीर के रूप में इस्तेमाल किया गया है और इसके लिए किसी फोटोग्राफर को श्रेय नहीं दिया गया है. अतः हमने पाया है कि दिल्ली मेट्रो ट्रेन की डिजिटल रूप से बदली हुई तस्वीर का इस्तेमाल इस झूठे दावे के लिए किया जा रहा है कि अमेरिका ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का पोस्टर लंबी दूरी की ट्रेन पर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.


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