Fact Check: नदी में नहाने को लेकर लड़की की पिटाई? जानें वायरल हो रहे वीडियो का सच
Dalit Girl Viral Video: सोशल मीडिया पर ये वीडियो पिछले कई दिनों से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दलित लड़की को नदी में नहाने को लेकर पीटा जा रहा है.
Dalit Girl Viral Video: सोशल मीडिया पर रोजाना कई तरह के दावों के साथ वीडियो वायरल होते हैं. कई वीडियो वाकई में उसी घटना के होते हैं, लेकिन कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल किए जाते हैं. जिन्हें लोग सच मानकर आगे शेयर करते हैं. ऐसा ही पिटाई का एक वीडियो सामने आया है, जिसे इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि एक दलित लड़की को ब्राह्मण लड़कों ने इसलिए पीटा क्योंकि उसने नदी में स्नान कर उसे अपवित्र कर दिया था. वीडियो उत्तर प्रदेश का बताकर शेयर किा जा रहा है.
क्या है वायरल वीडियो का दावा?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में एक जगह जब एक दलित युवती स्नान करने नदी में गई तो उसकी जमकर पिटाई की गई. दावे में बताया गया कि लड़की के बाल खींचे गए और लाठी-डंडों के साथ उसकी पिटाई हुई. ऐसा सब कुछ इसलिए हुआ क्योंकि ब्राह्मण लड़कों के मुताबिक लड़की ने नदी को अशुद्ध कर लिया था. जिसके लिए उसकी बेरहमी के साथ पिटाई हुई.
वायरल वीडियो का असली सच
अब इस वायरल हो रहे वीडियो का असली सच आपको बताते हैं. इस वायरल वीडियो में किया गया दावा बिल्कुल गलत है. पहले तो ये वीडियो दो साल पहले का है और यूपी से जुड़ा नहीं है. ये मध्य प्रदेश के धार जिले का वीडियो है. जहां दो बहनों को उनके ही परिवार वालों ने जमकर पीटा था. लड़कियां अपने ही कुछ रिश्तेदारों से बात करती थीं, जिसकी सजा उन्हें परिवार ने दी. इस खबर को तमाम मीडिया वेबसाइट्स ने कवर भी किया था.
यूपी पुलिस के फैक्ट चेक अकाउंट पर भी इस वायरल वीडियो को गलत बताया गया है. जिसमें एक यूजर को रिप्लाई में कहा गया है- "ये वीडियो उत्तर प्रदेश से न होकर सन 2021 से थाना टांडा, जनपद धार मध्य प्रदेश से संबंधित है. आपके विरुद्ध भ्रामक ट्वीट करने हेतु वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है."
#FactCheck - यह वीडियो उत्तर प्रदेश से न होकर सन् 2021,थाना टांडा,जनपद धार,मध्य प्रदेश से संबंधित है।
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) February 3, 2023
आपके विरुद्ध भ्रामक ट्वीट करने हेतु वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जा रही है।#UPPViralCheckhttps://t.co/kxoH4RiPo6 https://t.co/dP9NhUgZqS pic.twitter.com/jZzdYcx8q4
यानी ये साफ है कि वायरल हो रहे वीडियो में किया जा रहा दावा पूरी तरह से भ्रामक है. वीडियो का जातीय उत्पीड़न से कोई लेना देना नहीं है. घटना में शामिल लोग आदिवासी थे, दलित और ब्राह्मण वाला एंगल बिल्कुल गलत है.
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