जी20 सम्मेलन में ज्यादा खर्च करने के आरोपों को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. सरकार ने इन दावों को भ्रामक बताया. तृणमूल कांग्रेस के सांसद और प्रवक्ता साकेत गोखले ने दावा किया कि जी20 के लिए आवंटित बजट से 300 फीसद ज्यादा कार्यक्रम पर खर्च किया गया. उन्होंने सवाल किया कि इतना पैसा कहां गया. टीएमसी सांसद का यह भी आरोप है कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए पीएम मोदी के प्रचार के लिए खर्च यह किया गया है.


साकेत गोखले ने ट्वीट कर कहा, 'जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आवंटित फंड 990 करोड़ रुपये था, लेकिन सरकार ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन पर 4100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह बजट से 300 फीसदी (3110 करोड़ रुपये) ज्यादा है. यह पैसा कहां गया?' उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने यह एक्स्ट्रा खर्च खुद क्यों नहीं उठाया, जबकि यह गैरजरूरी खर्च आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्सनल पीआर के लिए खर्च किया गया.


सरकार ने दावों को बताया भ्रामक
प्रेस इनफोर्मेशन ब्यूरो के फेक्ट चेक ने टीएमसी सांसद के दावों को खारिज करते हुए इन्हें भ्रामक बताया है. फेक्ट चेक में कहा गया कि आवंटित खर्च मुख्यरूप से आईटीपीओ की ओर से संपत्ति निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए है, जिसके तहत प्रगति मैदान में निर्माण किया गया. यह खर्च सिर्फ जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी तक सीमित नहीं है. इस साल भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की. 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फ्रांस समेत अन्य सदस्य देशों के नेता शामिल हुए थे.


दो दिवसीय कार्यक्रम में हाईप्रोफाइल विदेशी मेहमानों के ठहरने का खास इंतजाम किया गया था. उनके ठहरने की व्यवस्था दिल्ली के फाइव स्टार होटलों में की गई थी. इसके अलावा, गाला डिनर में खास ऑर्डर पर चांदी के बर्तन बनवाए गए थे, जिसमें मेहमानों ने चाट, लिट्टी चोखा, मुगलई, साउथ इंडियन फूड और अन्य भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखा. डिनर के लिए मिलेट्स पर खास ध्यान दिया गया था.


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