Bhupesh Baghel Gold Chain: राजनीति के खेल में एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप आम बात है, हालांकि कई बार ऐसा देखा गया है कि विरोधी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी बातें फैलाई जाती हैं, जिनका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर से सामने आया है. जहां कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में सीएम भूपेश बघेल ने तमाम पार्टी नेताओं का स्वागत किया. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं को भूपेश बघेल सोने की मोटी चेन पहना रहे हैं.
क्या है सोशल मीडिया का दावा
सोशल मीडिया पर कांग्रेस अधिवेशन का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी इस वीडियो को शेयर किया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि भूपेश बघेल एक तरह की माला से सभी नेताओं का एक-एक कर स्वागत कर रहे हैं. ये माला गोल्डन कलर की है. दावा किया जा रहा है कि बघेल की तरफ से कांग्रेस नेताओं को सोने की माला पहनाई गईं. इस दावे के साथ कहा जा रहा है कि कांग्रेस की सरकार धन का दुरुपयोग कर रही है. वीडियो के जरिए बघेल सरकार को जमकर निशाना बनाया गया.
क्या है असली सच?
अब इस वायरल वीडियो की बात करें तो ये वीडियो असली है और कांग्रेस अधिवेशन का ही है. हालांकि जो माला कांग्रेस नेताओं को पहनाई जा रही हैं, वो सोने की नहीं हैं. ये एक आदिवासी माला है, जिसे बीरन माला कहते हैं. इसे बनाने के लिए सूताखर नाम की घास और मुआ के फूल की डंडी का इस्तेमाल होता है. आदिवासी इस तरह की मालाओं को पहनते हैं. बैगा समुदाय खासतौर पर ऐसी मालाओं का इस्तेमाल करता है. यही वजह है कि बघेल ने नेताओं को सम्मानित करने के लिए उन्हें ये माला पहनाई.
कांग्रेस ने खुद सोशल मीडिया पर वायरल इस दावे को लेकर सफाई दी है, साथ ही बीजेपी पर जमकर हमला भी बोला है. सीएम भूपेश बघेल ने खुद वीडियो शेयर कर सच्चाई बताई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो, जितना ज़ोर से बोल सकते हो, उतना बोलो" इस सूत्र पर चलने वाले इस अनमोल तोहफे का भी अपमान कर रहे हैं, साथ ही प्रकृति पुत्रों/पुत्रियों की कला और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी...आख़िर छत्तीसगढ़ के लोगों, यहां की संस्कृति से भाजपा को इतनी नफरत क्यों है?
यानी कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर सोने की चेन को लेकर किया गया दावा पूरी तरह से फर्जी है. राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह के वीडियो और तस्वीरें आमतौर पर हमें सोशल मीडिया पर देखने को मिलती हैं. जिनकी पड़ताल के बाद सच सामने आता है.
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