Fact Check: लालू प्रसाद यादव के आवास पर ED छापेमारी की नहीं हैं ये तस्वीरें, ये है वायरल दावे की हकीकत
Lalu Prasad Yadav Fact Check: दावा है कि लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और लालू की तीन बेटियों के आवासों पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो ने छापेमारी की है.
Lalu Prasad Yadav Fact Check: सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनका संबंध राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से जोड़ा रहा है. वहीं, इंटरनेट यूजर्स इन तस्वीरों को शेयर करते हुए ये दावा कर रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और लालू की तीन बेटियों के आवासों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की है. जिसमें सोने-चांदी की ज्वैलरी, गोल्ड कॉइन, कैश से भरा सूटकेस दिख रहा है. तस्वीरों को पोस्ट कर दावा किया जा रहा है कि लालू और तेजस्वी यादव पर लोगों को तोहफे में दी गई जमीन के कुछ हिस्सों के बदले रेलवे में नौकरी देने या उन्हें और उनके परिवारों के लिए रियायती दरों पर नौकरी देने का आरोप लगाया गया था. इसके चलते ईडी ने मुंबई, पटना, रांची और नई दिल्ली में छापेमारी के बाद कुल 600 करोड़ रुपये तक 'रिश्वत का पैसा' बरामद किया गया. लेकिन, हम आपको बताएंगे की इस वायरल तस्वीर के दावे की हकीकत क्या है?
पोस्ट में हो रहे ऐसे दावे
रोशन झा नाम के एक ट्विटर यूजर ने अपने ट्वीट में पांच तस्वीरें पोस्ट की है. जिसमें में ईडी के आकर में करेंसी नोटों गड्डी है. सोने-चांदी के हार, मोती, झुमके और ज्वेलरी है. सोने के सिक्कों के बक्से हैं. सूटकेस में नकदी है. ट्वीट के कैप्शन में लिखा है कि गरीबों का बनावट मसीहा बन चुका है लुटेरों का मसीहा!“लैंड फॉर जॉब". इसमें यूजर ने लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को भी मेंशन किया है.
गरीबों का बनावट मसीहा बन चुका है लुटेरों का मसीहा!“लैंड फॉर जॉब"
— Roshan jha (@Roshank15022195) March 12, 2023
@laluprasadrjd@yadavtejashwi @Rabaridevirjd pic.twitter.com/GD3Cl0QhYy
इसके अलावा, तमाम यूजर्स इन्हीं तस्वीरों को लेकर अपने दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
हमने की जांच पड़ताल
हमने ईडी के आकार की कैश वाली तस्वीर को सर्च किया तो पता चला कि ईडी ने 10 सितंबर, 2022 को कोलकाता में छह परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाया था. यह सर्च ऑपरेशन एक मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से संबंधित एक जांच से संबंधित है. ईडी ने मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोलकाता में छह जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें 18 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई. जिन लोगों पर छापा मारा गया उनमें एक व्यापारी नेसार अहमद खान भी था.
दूसरी तस्वीर को हमने सर्च किया, जिसकी असली तस्वीरें ईडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मिलीं. 6 मार्च, 2023 को एक ट्वीट में ईडी ने पोस्ट किया कि ईडी ने पंकज मेहदिया, लोकेश और कथिक जैन के निवेश धोखाधड़ी के संबंध में नागपुर और मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की है. जिसमें 5.51 करोड़ रुपये के बेहिसाब आभूषण और 1.21 करोड़ की नकदी जब्त की गई है. आगे की जांच जारी है.
ED has conducted searches and survey at 15 locations in Nagpur & Mumbai in relation to the investment fraud by Pankaj Mehadia, Lokesh & Kathik Jain. Unaccounted jewellery worth Rs 5.51 Crore and cash of 1.21 Crore has been seized. Further investigation is going on. pic.twitter.com/HS4AUaMh1t
— ED (@dir_ed) March 6, 2023
अन्य तस्वीर को हमने सर्च किया तो हमें 11 मार्च, 2023 को पोस्ट किया एएनआई का यह ट्वीट मिला. जिसमें लिखा था कि ईडी ने नौकरी घोटाले के लिए रेलवे भूमि में 24 स्थानों पर तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोना बुलियन और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोना सहित विदेशी मुद्रा और आभूषण की बरामदगी हुई: ईडी.
ED conducted searches at 24 locations in the Railways Land for Job Scam, resulting in the recovery of unaccounted cash of Rs 1 Crore, foreign currency including US$ 1900, 540 gms gold bullion and more than 1.5 kg of gold jewellery: ED pic.twitter.com/fkPLmUpgPA
— ANI (@ANI) March 11, 2023
वायरल दावे की सच्चाई
सारी जांच पड़ताल के बाद हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीरों का लालू प्रसाद यादव के आवासों पर की गई छापेमारी से कोई भी लेना-देना नहीं है. प्रवर्तन निदेशालय ने अभी तक छापे से संबंधित तस्वीरों को जारी नहीं किया है. हालांकि, 11 मार्च के एक ट्वीट में कहा गया है कि घोटाले की जांच चल रही है. कुल मिलाकर इन तस्वीरों से यह साबित नहीं होता है कि इन्हें लालू यादव के आवास पर लिया गया था. ये दावा पूरी तरह से फर्जी और गलत है.