दुनिया के महान दिवंगत फुटबॉलर पेले के पैर को म्यूजियम में रखा जाएगा? जानिए वायरल पोस्ट की सच्चाई
Brazil Footballer Pele: जाने-माने दिवंगत फुटबॉल खिलाड़ी पेले को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी बातें कही जाने लगीं जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है. फैक्ट चेक में उनके पैर से जुड़ा दावा झूठा निकला है.
Social Media post Fact Check: ब्राजील के जाने-माने दिवंगत फुटबॉल खिलाड़ी पेले (Pelé) को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर एक दावा किया जा रहा है उनके परिवार की सहमति से उनके पैर को एक म्यूजियम में रखा जाएगा. यह बात कुछ लोगों फेसबुक पर किए गए पोस्ट्स में कही. ऐसा पोस्ट दिखने पर बहुत-से लोग इसका सच जानने में जुट गए. अब फैक्ट चेक में पता चला है कि ऐसा कुछ नहीं होना है.
‘पीटीआई’ के फैक्ट चेक के मुताबिक, यह दावा गलत है कि दिवंगत फुटबॉल खिलाड़ी पेले के पैर को एक म्यूजियम में रखा जाएगा. इस तरह के दावे को वैश्विक फुटबॉल का संचालन करने वाली संस्था (FIFA) फीफा ने भी इसे भ्रामक करार दिया है.
फुटबॉलर पेले के बारे में किया गया गलत दावा
बता दें कि फुटबॉलर पेले (Brazil Footballer Pele) का पूरा नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो (Edson Arantes do Nascimento) है. वह दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल थे. बीते साल 29 दिसंबर को उनका देहांत हो गया था. हजारों लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. उसके बाद बहुत-सी ऐसी बातें सोशल मीडिया में आईं, जिनसे भम्र फैल गया. मसलन, 3 जनवरी को पेले के पैर को म्यूजियम में रखने संबंधी फेसबुक पोस्ट को लिखा गया था. दुनिया भर में लोकप्रियता के कारण यह पोस्ट वायरल हो गया और फिर सोशल मीडिया पर इस तरह के कई और पोस्ट साझा किए गए.
पेले के पैर को म्यूजियम में नहीं रखा जायेगा
फैक्ट चेक करने वाली संस्थाओं ने भ्रामक दावे की जांच की. भारतीय न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर पेले और फीफा के बारे में साझा किया गया दावा झूठा था. ‘पीटीआई’ के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके पोस्ट के फैक्ट चेक की शुरूआत गूगल सर्च पर ‘पेले के पैर को संग्रहालय में रखा जाएगा’ से की. इससे जुड़ी कोई भी खबर नहीं मिली. इसके बाद फीफा की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल पर इस तरह की किसी घोषणा को ढूंढने की कोशिश हुई, लेकिन इससे संबंधित कुछ नहीं मिला.
फीफा ने किया पूरी तरह से खंडन
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीर में टीएनटी स्पोर्ट्स का हवाला दिया गया था, लेकिन टीएनटी की वेबसाइट और ट्विटर हैंडल खंगालने पर वहां भी इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली. जिसके बाद फिर पेले के निधन से जुड़े शब्दों को लेकर गूगल सर्च किया गया, तो भी पेले के पैर को म्यूजियम में रखने संबंधी कोई खबर नहीं मिली. बाद में जांच को आगे बढ़ते हुए फैक्ट चैक टीम ने फीफा को ई-मेल किया. फीफा के एक प्रवक्ता ने अपने ईमेल के कहा, ‘‘हम इस दावे का पूरी तरह से खंडन करते हैं.’’
इस प्रकार यह साबित हो गया कि सोशल मीडिया पर पेले और फीफा के बारे में किया गया दावा झूठा है.
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