खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच टकराव के दौरान 19 सितंबर, 2023 को कनाडाई नागरिकों के लिए जारी की गई ट्रैवल एडवाइजरी सामने आई. एडवाइजरी को लेकर दावा किया गया कि जस्टिन ट्रूडो सरकार ने कनाडाई नागरिकों को जम्मू-कश्मीर नहीं जाने की सलाह दी है. अब एडवाइजरी को लेकर फैक्ट चेक सामने आया है कि कनाडा ने अपनी एडवाइजरी में कोई रिस्क फैक्टर शामिल नहीं किया था. वह एडवाइजरी एक सामान्य प्रैक्टिस के तहत जारी की गई थी, जिसमें ऐसी कोई बात नहीं की गई.


एडवाइजरी को लेकर क्या था दावा
19 सितंबर को न्यूज एजेंसी एएनआई ने X (ट्विटर) पर पोस्ट कर कनाडा सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की जानकारी दी थी. इस ट्वीट में कनाडा सरकार का हवाला देते हुए कहा गया था, 'सभी यात्री जम्मू कश्मीर जाने से बचें क्योंकि यहां आतंकवाद, उग्रवाद, नागरिक अशांति और अपहरण का खतरा है.' कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र किया गया था.




फैक्ट चेक में क्या आया
एडवाइजरी की खबरों के बीच फैक्ट चेकर बूम ने कनाडाई सरकार के ग्लोबल अफेयर्स कनाडा से ईमेल के जरिए संपर्क किया. बूम के मुताबिक, कनाडा सरकार ने बताया कि यह एडवाइजरी एक सामान्य प्रैक्टिस थी, जिसमें दोनों देशों के बीच चल रहे ताजा विवाद के दौरान किसी रिस्क फैक्टर को लेकर कोई बात नहीं कही गई थी. सरकार ने यह भी कहा कि 18 सितंबर, 2023 को कनाडा की पब्लिक हेल्थ एजेंसी की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर यह रुटीन एडवाइजरी जारी की गई थी.


दोनों देशों के बीच विवाद क्यों
इससे पहले 19 सितंबर को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का दावा करते हुए शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया था. कनाडा के इस कदम पर भारत ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी और कनाडाई उच्चायुक्त को तलब कर अपात्ति जताई थी. भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिक कैमरन मैके को देश छोड़ने का फरमान सुना दिया था. इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. 


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