Fact Check Electricity Bill: फ्रॉड के लिए आजकल बिजली बिल को हथियार बनाया जा रहा है.  लोगों को अलग-अलग माध्यमों से एक ऐसी चिट्ठी भेजी जा रही है, जिसमें उन्हें रात नौ बजे से बिजली चली जाने की धमकी दी जा रही है. हद तो ये हैं कि इस लेटर को सरसरी निगाह से देखने पर ऐसा लगता है, जैसे इसे मिनिस्ट्री ऑफ पावर यानी विद्युत मंत्रालय ने भेजा है.


लेटर को इतने अच्छे से प्रिंट किया गया है कि कोई भी आम आदमी चौंक जाएगा. इसमें हर वो कोशिश की गई है जिससे ये लेटर विद्युत मंत्रालय का लगे. चाहे लोगों हो या फिर लिखने का तरीका.


क्या कहा गया है इस लेटर में?


बिजली मंत्रालय के लेटर पैड पर चिट्ठी तैयार किया गया है और इसे लोगों को भेजा जा रहा है. इसमें कहा गया है कि आज रात से नौ बजे से आपकी बिजली काट दी जाएगी. लेटर में इसका कारण भी बताया गया है. उसमें कहा गया है कि आपने पिछले महीने बिजली बिल को अपडेट नहीं किया है यानी जमा नहीं किया है. इसके साथ ही लेटर में ये भी कहा गया है कि आप जल्द से जल्द अपने बिजली बिल को अपडेट करने के लिए नीचे दिए गए नंबर पर फोन करें. इस लेटर के नीचे इलेक्ट्रिसिटी हेल्पलाइन नंबर बताकर एक मोबाइल नंबर (09021356866) भी दिया गया है.


सच्चाई जानकर दंग रह जाएंगे आप


जब केंद्र सरकार तक इस तरह के लेटर को लोगों तक भेजे जाने की बात पहुंची तो फिर सरकार ने इसके बारे में लोगों को आगाह किया. पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर पर सरकार ने इसे पूरी तरह से फर्जी बताया. दरअसल ये लेटर विद्युत मंत्रालय का है ही नहीं. सरकार ने कहा है कि जिस लेटर में बिजली बिल अपडेट करने और रात नौ बजे से बिजली चले जाने का दावा किया जा रहा है, वो लेटर फेक है. विद्युत मंत्रालय ने ऐसी कोई चिट्ठी जारी नहीं की है. 






साथ ही सरकार ने लोगों को आगाह किया है कि जल्दबाजी में इस तरह के लेटर के झांसे में आकर कभी भी अपनी निजी और वित्तीय जानकारी किसी से साझा नहीं करें.


ये एक तरह से वित्तीय फ्रॉड करने का तरीका है. अगर आप दिए गए नंबर पर फोन करते हैं और उसके बाद अपनी निजी और बैंक, एटीएम या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी सामने वाले को बता देते हैं, तो हो सकता है कि आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. ये बिल्कुल ठगी का जरिया है और कभी भी सरकार की ओर से इस तरह की चिट्ठी नहीं भेजी जाती. बिजली बिल या बिजली कनेक्शन से जुड़ी जो भी बातें या संवाद है वो सीधे विद्युत मंत्रालय कभी नहीं करता. ये बिजली वितरण कंपनी की जिम्मेवारी होती है.


किसी भी माध्यम से  चाहे सीधे से इस तरह की चिट्ठी मिले, या फिर डिजिटल तरीके से व्हाट्सएप या किसी दूसरे सोशल मीडिया के जरिए आप तक पहुंचे तो फिर उसकी सत्यता की जांच किए बिना कोई भी जानकारी साझा नहीं करें और इस तरह के फ्रॉड के बारे में संबंधित एजेंसी को भी जानकारी दें.


ये भी पढ़ें:


Fact Check: 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर 1.1% चार्ज से जुड़ी खबरों का क्या है सच, जानें विस्तार से