Prapti Elizabeth Fact Check: बीते 27 मार्च, 2023 को इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर प्राप्ति एलिजाबेथ का एक वीडियो वायरल हुआ था. प्राप्ति एलिजाबेथ ने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो के माध्यम से आमतौर पर शाकाहारी लोगों और विशेष रूप से जैन समुदाय का मजाक उड़ाया था. उसके दो दिन बाद 30 मार्च, 2023 को सोशल मीडिया पर प्राप्ति एलिजाबेथ की गिरफ्तारी का एक ग्राफिक वायरल हुआ. इंटरनेट यूजर्स का दावा है कि प्राप्ति एलिजाबेथ को एक चर्च से शराब की तस्करी आरोप में गिरफ्तार किया गया है. तमाम यूजर्स ने इसी ग्राफिक को अपने-अपने दावों के साथ शेयर किया है. हालांकि, इस दावे की सच्चाई के बारे में हम आपको विस्तृत जानकरी देंगे.


कैसा पोस्ट हो रहा वायरल?


द कटवा इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ग्राफिक शेयर किया है. इस ग्राफिक में प्राप्ति एलिजाबेथ की तस्वीर लगी हुई है और ग्राफिक के टेक्स्ट में लिखा है कि 'प्राप्ति एलिजाबेथ नाम की इन्फ्लुएंसर गिरफ्तार की गई, क्योंकि उन्हें चर्च से शराब की तस्करी करते हुए और स्थानीय शराब की दुकान पर बेचते हुए पकड़ा गया था.'


नीचे की तरफ द कटवा इंडिया का लोगो लगा हुआ है. इस ग्राफिक को 30 मार्च की दोपहर 02:39 बजे शेयर किया गया था. इसी ग्राफिक को कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने मिलते-जुलते दावों के साथ अपने अकाउंट्स से शेयर किया है.






तन्वी जैन नाम की ट्विटर यूजर ने इस ग्राफिक को शेयर किया और ट्वीट के कैप्शन में लिखा कि 'चर्च में वाइन मिलती है! शाकाहारियों, खासकर जैनियों का मजाक उड़ाने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है.' साथ ही, दूसरे ट्वीट में तन्वी ने एलिजाबेथ का वो इंस्टाग्राम वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वह जैन समुदाय का अपमान करती दिखाई दे रही हैं. ट्वीट के कैप्शन में तन्वी ने लिखा कि 'कुछ लोगों ने मुझसे उसके व्यवहार का प्रूफ मांगा. इस गंदे पोस्ट के लिए क्षमा करें. शाकाहारियों, विशेषकर जैनियों को अपमानित करना. हम उनकी विचारधारा को क्या कहेंगे?'





कुछ यूजर्स ने ट्वीट को इस कैप्शन के साथ भी शेयर किया कि 'अब जेल में उपवास करो क्योंकि वहां केवल शाकाहारी भोजन मिलता है और ऑनलाइन ऑर्डर करने की कोई व्यवस्था नहीं है.'


वायरल दावे की सच्चाई


इस वायरल दावे को लेकर हमें कीवर्ड्स सर्च किया. हमने पाया कि प्राप्ति एलिजाबेथ को गिरफ्तार नहीं किया गया है और ये दावा पूरी तरह से भ्रामक और झूठा है. किसी मीडिया रिपोर्ट में ऐसी जानकारी नहीं है कि उन्होंने दुकान में बेचने के लिए एक चर्च से शराब चुराई थी. वायरल ग्राफिक को द कटवा इंडिया के माध्यम से बनाया गया था, जो कि फर्जी है. इसे ही अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया है. इसके अलावा, हमने पाया कि द कटवा इंडिया रोजाना व्यंग्यात्मक खबरें पोस्ट करता है, जिनका वास्तविक घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं होता है. यह स्पष्ट हुआ कि प्राप्ति एलिजाबेथ को गिरफ्तार नहीं किया गया है और उनकी गिरफ्तारी की कोई भी खबर किसी और मीडिया में नहीं थी.


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