Karnataka Bhatkal Islamic flag Viral Video: कर्नाटक चुनाव के नतीजों में शनिवार (13 मई) को कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. कांग्रेस ने राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटें जीतीं. चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद जश्न के दौरान इस्लाम का झंडा लहराने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल में शूट किए जाने का दावा किया जा रहा है. वीडियो को दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े कई लोग शेयर कर रहे है. साथ ही यह संदेश दे रहे है कि बीजेपी की जगह कांग्रेस के सत्ता में आने से राज्य के लिए कयामत आ गई है. 


बीजेपी के आईटी हेड अमित मालवीय ने क्रिप्टिक कैप्शन के साथ वीडियो को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,भटकल ! कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के तुरंत बाद…”. वीडियो को कई ट्विटर ब्लू टिक सब्सक्राइबर ने शेयर किया है. ब्लू टिक सब्सक्राइबर @erbmjha ने वायरल क्लिप का एक स्क्रीनग्रैब ट्वीट किया और लिखा, "आज कांग्रेस की जीत के बाद कर्नाटक के भटकल में एक व्यक्ति को इस्लामिक झंडा लहराते देखा गया है. यूजर ने लिखा कि भटकल एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. साथ ही लिखा कि "भारतीय इस्लामी आतंकवादी सजायाफ्ता" यासीन भटकल भी भटकल से है.


वायरल क्लिप में भगवा झंडे की जगह इस्लामिक झंडा लगाने का है दावा 
वेरिफाइड अकाउंट “वोक पेट्रोलर” ने क्लिप को ट्वीट किया और कमेंट किया कि कांग्रेस ने अभी तक कर्नाटक में सरकार नहीं बनाई है, लेकिन रुझान उभरना शुरू हो गए हैं. @rightwing_guy ने दावा किया कि झंडा लहराना ऐसा था जैसे "कांग्रेस समर्थक चुनाव परिणामों का जश्न मना रहे थे". राइट विंग इन्फ्लुएंसर अरुण पुदुर, सत्यापित यूज़र्स @FltLtAnoopVerma, @chad_infi, @Shruthi_Thumbri और @muktanshu सहित कई अन्य यूजर्स ने क्लिप को ट्वीट किया. इसके साथ ही बीजेपी कार्यकर्ता राहुल झा ने दावा किया कि वायरल क्लिप में भगवा झंडे की जगह इस्लामिक झंडा लगा दिया गया है.



फैक्ट चेक के बाद ये बात आई सामने
ऑल्ट न्यूज के फैक्ट चेक के मुताबिक यह वायरल वीडियो ऑथेंटिक नहीं हैं. वायरल वीडियो में हिंदू धार्मिक प्रतीक ओम के साथ एक भगवा झंडा और बीआर आंबेडकर के चेहरे वाला एक नीला झंडा दिखाई दे रहा है. वीडियो में इस्लामी झंडे को लहराते हुए देखा जा रहा है, जिसकी वजह से भगवा ध्वज को इस्लामी झंडों से नहीं बदला गया है. ऑल्ट न्यूज ने भटकल में सलाउद्दीन नाम के एक स्थानीय निवासी से संपर्क किया, जिसने उस जगह का एक वीडियो शॉट दिया है जहां जश्न मनाया जा रहा था. वीडियो में वह कहते हैं, 'हैलो, यह भटकल सर्किल है.'


बता दें शुरुआत में जगह पर कोई झंडे नहीं थे. सभी झंडे एक ही समय में लगाए गए थे, चाहे वह हरा झंडा हो, नारंगी झंडा हो, बाबासाहेब अंबेडकर का झंडा हो या कांग्रेस का झंडा हो. चारों झंडे एक ही समय पर लगाए गए थे. इसके साथ ही भटकल सर्किल का एक स्पष्ट वीडियो मिला, जिसे शनिवार, 13 मई की सुबह शूट किया गया था. भगवा झंडा और इस्लामिक झंडा साथ-साथ रखा हुआ साफ देखा जा सकता है. दलित प्रतिरोध के प्रतीक नीले झंडे को भगवा झंडे के बगल में रखा गया है, जबकि कांग्रेस के झंडे को इस्लामी झंडे के बगल में रखा गया है.


वर्थ भारती से बात करते हुए, उत्तर कन्नड़ के एसपी विष्णुवर्धन ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अफवाह फैलाने और संवेदनशील सामग्री पोस्ट करने से बचने का आग्रह किया. उन्होंने कहा इससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. उन्होंने कहा कि "यह एक धार्मिक झंडा था, और यह पाकिस्तानी झंडा नहीं था." उन्होंने यह भी कहा कि हम सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसी कोई भी जानकारी शेयर न करें जो सांप्रदायिक अशांति पैदा कर सके. साथ ही कहा कि  इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई या कार्रवाई शुरू नहीं की गई, क्योंकि मौके पर मौजूद अधिकारियों ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि यह पाकिस्तानी झंडा नहीं है.


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