Bill Gates Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. ये वीडियो जनता का हित करने वाले और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सह संस्थापक और अध्यक्ष बिल गेट्स से संबंधित है. बिल गेट्स के जरिये पोस्ट किये गए वीडियो में एक छोटा सा कीड़ा दिख रहा है, जिसे वो अपने हाथ में पकड़े हुए हैं. इस वीडियो को शेयर कर तमाम सोशल मीडिया यूजर्स अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं. कोई इस कीड़े को जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर बता रहा है तो कोई कुछ और. हालांकि, इस वीडियो को लेकर हो रहे दावे की हकीकत से हम आपका वास्ता कराएंगे.
वायरल वीडियो में क्या है?
तुलसा टेरा नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है. पोस्ट के कैप्शन में यूजर ने लिखा कि मच्छर के ऊपर नंबर क्यों लिखा होता है? बिल गेट्स लाखों जीएमओ (आनुवांशिक रूप से संशोधित जीव) मच्छरों को जनता में छोड़ने के बारे में बहुत मुखर थे. दरअसल, तुलसा टेरा ने इस वीडियो को 14 सितंबर, 2022 को पोस्ट किया था. वीडियो में दिख रहा है कि बिल गेट्स अपने हाथ में एक छोटा सा कीड़ा पकड़े हुए हैं और उंगलियों से उसके पंख हटाकर एक नंबर दिखा रहे हैं.
इसी वीडियो को शेयर करते हुए स्कॉटी द किड नाम के वेरिफाइड इंस्टाग्राम यूजर ने कैप्शन में लिखा कि जनता में लाखों जीएमओ मच्छरों को छोड़ने के लिए बिल गेट्स जिम्मेदार हैं. जितना अधिक आप जानते हैं. इस वीडियो को पिछले हफ्ते पोस्ट किया गया था.
वायरल वीडियो की सच्चाई
हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा छोटा सा कीड़ा जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएमओ) मच्छर नहीं, बल्कि एफिड है. स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के एंटोमोलॉजी विभाग के संग्रह प्रबंधक डॉ. फ्लोयड शॉक्ले ने एक ईमेल के जरिये रॉयटर्स को बताया कि वीडियो में दिख रहा कीड़ा एक यूरोपीय बर्च एफिड (यूसेराफिस पंक्टिपेनिस) था. यह प्रजाति अक्सर पेट की पृष्ठीय सतह पर 2 गहरे रंग के रंजित क्षेत्रों को धारण करने के लिए जानी जाती है जो वयस्क पंख वाले रूप में संख्याओं के समान होती है. आमतौर पर इसमें 18 नंबर जैसा दिखता है, लेकिन अतिरिक्त रंजकता के कुछ मामलों में यह 38 नंबर की तरह दिख सकता है, जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है.
यूरोपीय बर्च एफिड की तस्वीरें देखी जा सकती हैं, जिसमें एक नजदीकी तस्वीर समान गहरे निशान और पैरों और पंखों की समान संख्या दिखाती है. शेयर किया जा रहा एक वीडियो 8 सितंबर, 2016 को प्रकाशित 'गेट्स फाउंडेशन अवार्ड्स $35 मिलियन फॉर मॉस्किटो रिसर्च' टाइटल से एक आर्टिकल भी दिखाता है. आर्टिकल में बताया गया है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने मलेरिया प्रोजेक्ट के लिए अपनी फंडिंग में 35 मिलियन डॉलर का इजाफा किया है. जिसका मकसद मच्छरों के डीएनए में ऐसा जीन जोड़ने से है जो उन्हें मलेरिया फैलाने से रोक सके. यह सच है और एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू और वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा इसकी सूचना दी गई है.
अमेरिकी मच्छर नियंत्रण संघ के तकनीकी सलाहकार डैनियल मार्कोव्स्की ने कहा कि गेट्स फाउंडेशन मच्छर नियंत्रण अनुसंधान को पैसा देता है, यह 'मच्छरों को बारकोड नहीं कर रहा है और लाखों को पर्यावरण में छोड़ रहा है'. वहीं, गेट्स फाउंडेशन के एक प्रतिनिधि ने दावा किया कि गेट्स फाउंडेशन द्वारा जारी किए गए वीडियो में एक आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर दिखाया गया है, जिस पर नंबर या बारकोड की मुहर लगी है. यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छरों को अमेरिका में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और कुछ का उपयोग फ्लोरिडा और टेक्सास में किया गया है.
फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में जैविक विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर मैथ्यू डेगेनारो ने बताया कि संशोधित मच्छर जो इस्तेमाल किए जा रहे हैं या इस्तेमाल किए जाने के लिए प्रस्तावित हैं, वे एडीज एजिप्टी या एनोफिलीज गैंबिए मच्छर हैं, इनमें देखे गए एफिड्स नहीं हैं. हमारी जांच टीम ने इस दावे को गलत पाया है. जबकि सच्चाई ये है कि वीडियो में दिख रहा कीड़ा मच्छर नहीं एक एफिड है, जिस पर एक नंबर लिखा हुआ है और उसे बिल गेट्स ने शेयर किया हुआ है.
ये भी पढ़ें- Fact Check: एक दूसरे के ऊपर खड़े पत्थरों को बताया जा रहा भगवान की शक्ति! जानें इस वायरल दावे की सच्चाई