Fact Check: PMEGP योजना के तहत लाखों रुपये का लोन दे रहा MSME मंत्रालय! जानें क्या है वायरल दावे का सच
Fact Check: कोलैटरल लेटर को एमएसएमई मंत्रालय की तरफ से जारी हुई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) से जोड़ा जा रहा है. इंटरनेट पर यूजर्स इस लेटर को लेकर तमाम तरह के दावे कर रहे हैं.
PMEGP Fact Check: सोशल मीडिया पर एक कोलैटरल लेटर तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इसका संबंध भारत सरकार से बताकर इस लेटर को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की तरफ से जारी हुई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) से जोड़ा जा रहा है. इंटरनेट पर यूजर्स इस लेटर को लेकर तमाम तरह के दावे कर रहे हैं और इससे मिलते हुए कैप्शन के साथ शेयर भी कर रहे हैं. फिलहाल, एमएसएमई मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर चल रहे इस लेटर पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, एमएसएमई मंत्रालय ने एक ट्वीट जरूर किया है. अब इस वायरल लेटर को लेकर हो रहे दावे की सच्चाई क्या है, इसके बारे में हम आपको विस्तृत जानकारी देंगे.
कैसा लेटर हो रहा वायरल
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो कोलैटरल लेटर वायरल हो रहा है, उसमें ऊपर की तरफ खादी विलेज एंड इंडस्ट्रीज कमीशन लिखा है और उसके नीचे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार लिखा हुआ है. मंत्रालय का एड्रेस भी लेटर में मेंशन किया गया है. इसके अलावा, उसमें कोलैटरल लेटर, बार कोड के साथ 24 मार्च की तारीख और एक रेफरेंस नंबर के साथ आवेदनकर्ता का नाम व पता भी लिखा है. साथ ही, लेटर में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम भी लिखा है. कोलैटरल लेटर में नीचे की तरफ लिखा है कि आदरणीय सर और मैम, श्री ए गौरी को पीएमईजीपी योजना के तहत 8 लाख की स्वीकृति दी गई है, इस योजना के अनुसार आपको 4% ब्याज दर और 35% सब्सिडी प्रदान की गई है. योजना के अनुसार आपको ऋण प्रस्ताव के लाभार्थी बनने से पहले कुल ऋण राशि का 3% संपार्श्विक धन के रूप में जमा करना होगा. हम इसके जरिये मांग करते हैं कि आप 24 हजार रुपये की राशि का भुगतान करें. प्रस्तुत संपार्श्विक राशि वापसी योग्य है, जिसकी कुल ऋण राशि और आरटीजीएस राशि 8 लाख 24 हजार रुपये है. सबसे आखिरी में दिल्ली खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड की मोहर के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के सिग्नेचर भी हैं.
A #Fake collateral letter allegedly issued by the Ministry of MSME is claiming to grant a loan of ₹8 Lakhs under PM Employment Generation Program on payment of ₹24,000#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 25, 2023
✔️@minmsme has not issued this letter
✔️For authentic info, visit ‘https://t.co/iPGAFBY6Pk’ pic.twitter.com/5lgMmqzJRy
वायरल दावे की सच्चाई
इस वायरल कोलैटरल लेटर का फैक्ट चेक पीआईबी ने किया है और बताया है कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर इस लेटर की फोटो शेयर की है और इसके कैप्शन में लिखा कि एमएसएमई मंत्रालय द्वारा कथित तौर पर जारी एक नकली संपार्श्विक पत्र में पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 24 हजार रुपये के भुगतान पर 8 लाख रुपये का ऋण (लोन) देने का दावा किया जा रहा है. एमएसएमई मंत्रालय ने यह पत्र जारी नहीं किया है. अधिकतम जानकारी के लिए एमएसएमई मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं. कुल मिलाकर यह दावा पूरी तरह से गलत और भ्रामक है.
एमएसएमई मंत्रालय का ट्वीट
एमएसएमई मंत्रालय ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से एक ग्राफिक शेयर किया है.
PMEGP is a Credit linked subsidy scheme with the objective to create self employment opportunities and generate employment for rural and unemployed youth#PMEGP #MSME #KVIC #NSIC #MSMEs #AmritMahotsav pic.twitter.com/rQHqd91ev3
— Ministry of MSME (@minmsme) March 27, 2023
इस ट्वीट के कैप्शन में लिखा कि पीएमईजीपी एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है जिसका उद्देश्य स्वरोजगार के अवसर पैदा करना और ग्रामीण और बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करना है.
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