ISRO के साइंटिस्टों को तीन महीने से नहीं मिली सैलरी! सामने आया तहसीन पूनावाला के दावे का सच
PIB Fact Check: पीआईबी ने बताया कि इसरो के वैज्ञानिकों को हर महीने की आखिरी तारीख को सैलरी भेज दी जाती है. इस फैक्ट चेक के बाद शहजाद पूनावाला ने भी तहसीन पूनावाला के दावे पर सवाल खड़े किए हैं.
Chandrayaan-3 Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) को लेकर बिजनेसमैन और राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला के दावे का सच सामने आ गया है. तहसीन पूनावाला ने दावा किया कि सरकार ने इसरो के वैज्ञानिकों को तीन महीने से सैलरी नहीं दी है. साथ ही उन्होंने यह चुनौती भी दी कि उनके दावे का फैक्ट चेक भी करवाया जा सकता है.
स्वतंत्रता दिवस पर 'रणवीर पोडकास्ट शो' में तहसीन पूनावाला गेस्ट के तौर पर उपस्थित हुए और उन्होंने सरकार को लेकर बात की. तहसीन ने कहा, 'इसरो के वैज्ञानिकों को तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है. क्या यह सही है? और इस सरकार के साथ ये मुझे यही दिक्कत है. हमें इसरो पर बहुत गर्व है. यह एक अच्छा संगठन है. तीन महीनों से वैज्ञानिकों को सैलरी नहीं दी गई है और इस पर आप मेरा फैक्ट-चेक करने के लिए आजाद हैं.'
पीआईबी फैक्ट चेक में झूठा निकला दावा
तहसीन पूनावाला के इस दावे पर सरकार के प्रेस इनफोर्मेशन ब्यूरो (Press Information Bureau, PIB) ने कहा कि सरकार वैज्ञानिकों को हर महीने सैलरी भेजती है. पीआईबी का कहना है कि हर महीने के आखिरी दिन वैज्ञानिकों को सैलरी भेज दी जाती है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता और तहसीन के भाई शहजाद पूनावाला ने X (ट्विटर) पर इसरो के उन 10 वैज्ञानिकों के नाम बताने के लिए कहा जिन्हें सैलरी नहीं मिलने का तहसीन दावा कर रहे हैं.
14 जुलाई को इसरो ने लॉन्च किया चंद्रयान-3
इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था. लॉन्चिंग के बाद 5 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया और फिर 6, 9, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश करते हुए चांद के और करीब पहुंच गया है. चंद्रयान-3 को चंद्रमा के ध्रुवों पर स्थापित करने का अभियान आगे बढ़ रहा है. इसरो चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने का प्रयास कर रहा है और चंद्रमा से उसकी दूरी धीरे-धीरे कम होती जा रही है. चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है.