PM Narendra Modi Fact Check: गौतम अडानी और राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे को लेकर इंडियन नेशनल कांग्रेस जमकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. बीते 27 मार्च को कांग्रेसी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में काले कपड़ों में जोरदार प्रदर्शन किया था. इसके अलावा, बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस हमेशा हमलावर रहती है. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें उन्हें गौतम अडानी को बचाने की किताब पढ़ते हुए दिखाया गया है. तमाम सोशल मीडिया यूजर्स इसको लेकर तरह-तरह के दावे कर रहे हैं.


क्या है वायरल तस्वीर में?
इंडियन नेशनल कांग्रेस ने अपने वेरिफाइड फेसबुक पेज से इस तस्वीर को शेयर किया है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा कि चीट-कोड को हमेशा संभाल कर रखें. शेयर की जा रही तस्वीर में पीएम मोदी एक किताब पढ़ते नजर आ रहे हैं, जिसमें लिखा है अडानी को बचाने के 101 तरीके. इस तस्वीर को 23 मार्च को 09:00 बजे पोस्ट किया गया था. इस पोस्ट में तीन हजार से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं और 130 शेयर हो चुके हैं.



वायरल तस्वीर की सच्चाई?
पीएम मोदी की इस तस्वीर को लेकर हमने जांच पड़ताल की तो हमने पाया कि ये तस्वीर एडिटेड है. इसकी ओरिजिनल तस्वीर साल 2014 की है और ये गेटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक: एन एक्शन एजेंडा फॉर रिफॉर्म नामक किताब के लॉन्च के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी को दिखाती है. हमने वायरल तस्वीर को के कीवर्ड्स को सर्च किया तो हमें एक मीडिया वेबसाइट का एक आर्टिकल मिला, जिसमें मिली एक तस्वीर में पीएम मोदी को एक किताब पढ़ते हुए दिखाया गया है, जिसके कवर पर गेटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक लिखा है.




इसमें उल्लेख किया गया है कि तस्वीर ने उन्हें गेटिंग इंडिया बैक ऑन ट्रैक: एन एक्शन एजेंडा फॉर रिफॉर्म नामक पुस्तक के लॉन्च इवेंट में दिखाया, जिसे कार्नेगी एंडोमेंट द्वारा प्रकाशित किया गया था और इसका श्रेय पीटीआई को दिया गया था. इसके अलावा, 8 जून, 2014 को नई दिल्ली में हुए किताब के विमोचन का एक वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया था.



इससे स्पष्ट हुआ कि एक एडिटेड तस्वीर को यह दावा करने के लिए शेयर किया गया था कि पीएम नरेंद्र मोदी 'अडानी को बचाने के 101 तरीके' नामक किताब पढ़ रहे थे. कुल मिलाकर हमारी छानबीन में कांग्रेस का ये दावा पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक साबित हुआ.


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