Fact Check: राशन कार्ड धारकों को 1 मार्च से गेहूं मिलना हो जाएगा बंद? जानें इस वायरल दावे का क्या है सच
Ration Card Fact Check: वीडियो में दावा किया जा रहा है कि 1 मार्च 2023 से राशनकार्ड धारकों को गेहूं मिलना बंद हो जाएगा. सरकार की तरफ से जारी आदेश का हवाला देते हुए ये दावा किया जा रहा है.
Ration Card Fact Check: देश के गरीबों के लिए भारत सरकार की तरफ से कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं. जिनके तहत गरीबों को मुफ्त राशन और की तरह की चीजें भी मुहैया कराई जाती हैं. इसके अलावा राशन कार्ड के जरिए भी लोगों को अनाज देने का काम किया जाता है. सरकारी योजनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई तरह के दावे किए जाते हैं. एक ऐसा ही दावा राशन कार्ड धारकों को लेकर किया जा रहा है. जिसमें कहा जा रहा है कि 1 मार्च 2023 से राशन कार्ड धारकों को गेहूं मिलना बंद हो रहा है. सोशल मीडिया पर कई लोग इस तरह के दावे को शेयर कर रहे हैं.
क्या है वायरल हो रहा दावा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे में बताया जा रहा है कि मार्च के बाद से राशन कार्ड पर गेहूं उपलब्ध नहीं होगा. 'Technical blog' नामक Youtube चैनल के एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि 1 मार्च 2023 से राशनकार्ड धारकों को गेहूं मिलना बंद हो जाएगा. सरकार की तरफ से जारी आदेश का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है. जिससे कई लोगों की परेशानी भी बढ़ सकती है, जिन्हें हर महीने राशन कार्ड के जरिए गेहूं मिलता है.
'Technical blog' नामक #Youtube चैनल के एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि 1 मार्च 2023 से राशनकार्ड धारकों को गेहूं मिलना बंद हो जाएगा।#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 28, 2023
▶️यह वीडियो #फ़र्ज़ी है।
▶️ भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। pic.twitter.com/UObcohDlkd
वायरल दावे का ये है सच
अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे का सच आपको बताते हैं. दरअसल सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी ऐलान नहीं किया गया है. यानी राशन कार्ड पर आपको जितना गेहूं मिलता है वो आगे भी मिलता ही रहेगा. इसके अलावा सरकार की मुफ्त राशन योजना का भी आप लाभ उठाते रहेंगे. 1 मार्च 2023 से नियमों में कोई भी बदलाव नहीं हो रहा है. ये दावा पूरी तरह से फर्जी है. अगर आपके पास भी इस तरह का कोई मैसेज या वायरल स्क्रीनशॉट आता है तो उस पर यकीन न करें. भेजने वाले को भी इसकी जानकारी दें. पीआईबी ने भी इस वायरल दावे का फैक्ट चेक किया है और बताया है कि वीडियो में किया गया दावा फर्जी है, भारत सरकार ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया है.
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