ब्रिटेन: सोशल मीडिया पर दावा है कि कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए आगे आई वैज्ञानिक एलिसा ग्रैनाटो की मौत हो गई है. दावा किया जा रहा है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल हो रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल इस दावे की हमने पड़ताल शुरू की. पड़ताल में हमारी संवाददाता पूनम पांडेय ने सीधा ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संपर्क किया.


क्या दावा किया जा रहा है?
ब्रिटेन में 24 अप्रैल को कोरोना वैक्सीन का परीक्षण एलिसा ग्रैनाटो पर किया गया. एलिसा ग्रैनाटो पर वैक्सीन परीक्षण के बाद सोशल मीडिया पर एक न्यूज वायरल हुई. इसमें दावा किया गया कि
वैक्सीन के परीक्षण में एलिसा ग्रैनाटो की मौत हो गई.

एलिसा इस वैक्सीन के ट्रायल को लेकर बताती हैं, 'मैं एक वैज्ञानिक हूं. इसलिए कोरोना की वैक्सीन खोजने में मदद करना चाहती हूं. कोरना की वैक्सीन खोजने में मैं किसी भी तरह से मदद करना चाहती हूं. इसलिए मैं यहां हूं.'

सच क्या है?
एबीपी न्यूज संवाददाता पूनम पांडेय ने अपनी पड़ताल में बताया, कुछ दिन पहले ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन ट्रयल शुरू हुए हैं. दो लोगों को ये वैक्सीन दी गई है. जिनमें से एक हैं एलिसा ग्रैनाटो, जो खुद एक वैज्ञानिक हैं. अचानक सोशल मीडिया पर ये खबर वायरल होने लगी कि एलिसा ग्रैनाटो की वैक्सीन लगने के बाद मौत हो गई है. और बाकी लोग काफी गंभीर हालत में हैं. हमने इस बात की पुष्टि ऑक्फोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉक्टर से की. हमें ये पता चला की ये खबर सरासर गलत है. एलिसा ग्रैनाटो बिल्कुल ठीक हालत में है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में संवाददाता पूनम की पड़ताल के मुताबिक, सोशल मीडिया पर एलिसा ग्रैनाटो की मौत के बारे में वायरल दावा झूठा है.

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