Loudspeaker Ban Fact Check: रमजान का पाक महीना शुरू होने जा रहा है. ऐसे में तमाम देशों में इस्लाम को मानने वाले लोग इसकी तैयारियों में जुटे हैं. इसी बीच सऊदी अरब की तरफ से रमजान को लेकर कुछ गाइडलाइंस जारी की गई हैं. जिनमें बताया गया है कि रमजान के दौरान किन-किन बातों का खयाल रखा जाएगा. इसी गाइडलाइन का हवाला देते हुए सोशल मीडिया और कुछ न्यूज वेबसाइट्स पर ये दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब सरकार की तरफ से रमजान में लाउडस्पीकर पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है.
क्या है वायरल दावा?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे में कहा जा रहा है कि सऊदी अरब ने रमजान को लेकर जो गाइडलाइन जारी की हैं, उनमें ये भी कहा गया है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर पाबंदी रहेगी. कई वैरिफाइड ट्विटर हैंडल्स ने इसे शेयर किया है. दावे के साथ कहा जा रहा है कि भारत में अगर ऐसा कोई नियम बनाया जाए तो बवाल हो जाएगा, जबकि सऊदी अरब में होने वाले इस बदलाव को लेकर सभी चुप्पी साधे हुए हैं.
वायरल दावे की पड़ताल में क्या मिला?
सोशल मीडिया पर वायरल दावे की जब हमने पड़ताल की तो पता चला कि सऊदी अरब की तरफ से जारी नई गाइडलाइन में लाउडस्पीकर का कोई भी जिक्र नहीं है. सऊदी सरकार की तरफ से रमजान को लेकर गाइडलाइन जरूर जारी की गई हैं, लेकिन लाउडस्पीकर पर बैन लगाने की जानकारी इस गाइडलाइन में कहीं नहीं है. पूरी गाइडलाइन में माइक्रोफोन या लाउडस्पीकर का जिक्र नजर नहीं आया. यानी ये दावा गलत है कि सऊदी अरब सरकार ने लाउडस्पीकर पर बैन लगा दिया है.
नई गाइडलाइन में क्या है?
सऊदी अरब की तरफ से जारी नई गाइडलाइन में कई चीजों का जिक्र किया गया है. साथ ही ये भी बताया गया है कि किन चीजों पर रमजान की नमाज के दौरान पाबंदी रहेगी. इसमें बताया गया है कि मस्जिद की साफ सफाई का खयाल रखें, टाइम की पाबंदी रखें, किसी किस्म का चंदा नहीं लेने की भी बात कही गई है. इसके अलावा लोगों को कहा गया है कि वो लंबी नमाज नहीं पढ़ें, इफ्तार मस्जिद अंदर नहीं बल्कि कहीं बाहर करें. बच्चों को लाने की मनाही और नमाज के ब्रॉडकास्ट पर भी पाबंदी की बात कही गई है.
सऊदी में लाउडस्पीकर को लेकर क्या है नियम?
सऊदी अरब में लाउडस्पीकर पर बैन वाली खबर या इसका प्रमाण हमें कहीं नहीं मिला. हालांकि साल 2021 में सऊदी अरब सरकार की तरफ से लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर गाइडलाइन जरूर तय की गई थी. इसे लेकर हमें जून 2021 में पब्लिश हुई अल-जजीरा की एक रिपोर्ट मिली. जिसमें कहा गया था कि स्पीकर की सबसे ऊंची आवाज की एक तिहाई आवाज के ऊपर वॉल्यूम पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है. तब इस मामले को लेकर सऊदी अरब में जमकर विरोध भी हुआ था, सरकार ने बचाव में कहा था कि कई लोगों की शिकायतों के बाद ऐसा फैसला लिया गया है.
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