Fact Check: 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर 1.1% चार्ज से जुड़ी खबरों का क्या है सच, जानें विस्तार से
Fact Check UPI Transactions Charge: बीते कुछ दिनों से ये ख़बर सुर्खियों में थी कि एक अप्रैल से UPI ट्रांजैक्शन महंगा हो जाएगा और 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर चार्ज देना होगा.
Fact Check UPI Transactions Charge: हम सब जानते है कि डिजिटल लेनदेन में यूपीआई ट्रांजैक्शन का कितना महत्व है. नया वित्तीय साल 2023-24 शुरू होने से पहले यूपीआई लेनदेन से जुड़ी ख़बर सुर्खियों में रही. कई मीडिया मंचों पर ये बताया गया कि एक अप्रैल से यूपीआई ट्रांजैक्शन महंगा हो जाएगा. इस तरह की खबरों का मैसेज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ. लोगों में भ्रम का भी माहौल बना.
दरअसल जो खबर चलाई गई, उसमें कहा गया कि नए वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 के पहले दिन एक अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर 1.1% का चार्ज देना होगा. इसके लिए तमाम मीडिया समूहों ने यूपीआई को ऑपरेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के सर्कुलर का हवाला दिया.
इन खबरों में बताया गया कि Gpay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप से दो हजार रुपये से ज्यादा का भुगतान करने पर चार्ज देना होगा. साथ ही कहा गया कि इसके लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने सर्कुलर जारी किया है. ये ख़बर इतनी तेजी से वायरल हुई कि लोगों में यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर एक तरह से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई.
इस ख़बर के वायरल होने के बाद सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आया. सरकार ने इन सभी खबरों को गुमराह करने वाला और भ्रामक बताया. पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर पर उन सभी मीडिया समूहों के खबरों की कटिंग लगाकर भ्रामक और गुमराह करने वाला बताया गया. सरकार की ओर से कहा गया कि सामान्य यूपीआई लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है.
केंद्र सरकार ने पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर अकाउंट पर ये जानकारी दी कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के सर्कुलर का संबंध सामान्य यूपीआई ट्रांजैक्शन से नहीं था. ये सर्कुलर उन ट्रांजैक्शन को लेकर था, जो प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) के जरिए होते हैं. इस कैटेगरी में डिजिटल वॉलेट आते हैं.
.@NavbharatTimes की एक खबर में दावा किया जा है कि 1 अप्रैल से 2000 रुपये से अधिक के #UPI लेनदेन पर 1.1% का चार्ज लग सकता है।#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 29, 2023
➡️सामान्य यूपीआई लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है।@NPCI_NPCI pic.twitter.com/EWKxXWitly
सरकार की ओर से कहा गया कि यूपीआई ट्रांजैक्शन के दायरे में आने वाले 99.9% ट्रांजैक्शन PPI के तहत नहीं आते हैं. इसका मतलब हुआ कि 99.9% ट्रांजैक्शन सामान्य लेनदेन में आते हैं, जिनपर कोई चार्ज नहीं लगेगा.
बाद में इस बात को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने दूसरे सर्कुलर के जरिए समझाया भी. इस नए सर्कुलर में ये स्पष्ट तौर से कहा गया है कि परंपरागत तौर से यूपीआई ट्रांजैक्शन बैंक अकाउंट से जुड़े होते हैं और कोई भी वॉलेट का ऐप बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है और इस तरह के टांजैक्शन का योगदान 99.9% है. अपने इस सर्कुलर में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने साफ किया है कि इस तरह का कोई बैंक अकाउंट टू अकांउट यूपीआई टांजैक्शन पूरी तरह से फ्री रहेगा. इसके लिए उपभोक्ताओं को कोई चार्ज नहीं देना होगा.
NPCI Press Release: UPI is free, fast, secure and seamless
— NPCI (@NPCI_NPCI) March 29, 2023
Every month, over 8 billion transactions are processed free for customers and merchants using bank-accounts@EconomicTimes @FinancialXpress @businessline @bsindia @livemint @moneycontrolcom @timesofindia @dilipasbe pic.twitter.com/VpsdUt5u7U
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) के जरिए होने वाले यूपीआई ट्रांजैक्शन को ही सिर्फ चार्ज के दायरे में लाया गया है. इससे आम ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बैंक अकाउंट टू बैंक अकाउंट आधारित यूपीआई ट्रंजैक्शन पूरी तरह से नि:शुल्क ही रहेगा.