Turkey Earthquake Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि एक हथियारबंद शख्स ने कई लोगों को मारकर उन्हें एक गड्ढे में फेंक दिया है. सोशल मीडिया के तमाम यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए अपने-अपने दावे कर रहे हैं. यूजर्स के पोस्ट के मुताबिक, उन्होंने दावा किया है कि खराब गुणवत्ता वाली इमारतों के निर्माण के लिए ठेकेदारों को तुर्किए सैनिकों ने मौत के घाट उतार दिया है, इनकी वजह से हाल के भूकंपों के प्रभाव को तुर्किए में बढ़ा दिया है. अब इस वायरल वीडियो बारे में हम आपको बताएंगे कि आखिर इसकी सच्चाई क्या है?


क्या वीडियो हो रहा वायरल?
उमाकांत पांड्या नाम के एक ट्विटर यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में दिख रहा है कि एक सैनिक किसी शख्स को खींचकर लाता है और उसे एक बड़े से गड्ढे में धकेल देता है और उसे गोली मार देता है. उस गड्ढे में पहले से ही कई लोग मरे हुए पड़े होते हैं. ऐसा ही वो सैनिक अन्य लोग के साथ भी करता है. ट्वीट के कैप्शन में यूजर ने लिखा कि तुर्किए सैनिकों ने उन ठेकेदारों को गोली मार दी जिनके घटिया काम ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ले ली. भूकंप को अवशोषित करने के लिए उन्हें सिस्मिक डैम्पर्स के लिए भुगतान किया गया था, लेकिन उन्होंने बड़ी ऊंची इमारतों की नींव के नीचे कार के टायर गाड़ दिए. इसके अलावा, ये भी बताया गया था कि तुर्किए के न्याय अधिकारियों ने घटिया और अवैध निर्माण विधियों के लिए भवन निर्माण ठेकेदारों को हिरासत में लिया था, जिसके परिणामस्वरूप कथित तौर पर इस साल की शुरुआत में आए भूकंपों में 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी.






वायरल वीडियो की सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो साल 2013 का है, जिसमें सीरियाई सैन्य कर्मियों को नरसंहार करते हुए दिखाया गया है. हालांकि, वर्तमान में इस वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी है. दरअसल, पहली बार 27 अप्रैल, 2022 को न्यू लाइन्स मैगज़ीन में अंसार शाहौद और उगुर उमित उंगोर की रिपोर्ट में इस वीडियो को प्रकाशित किया गया था. इस आर्टिकल के अनुसार, वीडियो में 16 अप्रैल, 2013 को तादामन के दमिश्क जिले में एक नरसंहार करते हुए सीरियाई सैन्य कर्मियों को दिखाया गया था. वीडियो को साल 2019 में रिसर्चर्स अंसार शाहौद और उगुर उमित उंगोर ने लीक किया था और इसे प्रमाणित करने के बाद साल 2022 में रिपोर्ट किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो में सैन्य खुफिया निदेशालय की शाखा 227 से जुड़े सीरियाई सशस्त्र बलों के सैनिकों को बड़े पैमाने पर मौत की सजा देते हुए दिखाया गया है. इसके अलावा, द गार्जियन में भी इस वीडियो के बारे में एक आर्टिकल के माध्यम से घटना को बताया गया था. हमारी पड़ताल ने इस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया है कि सीरिया का एक पुराना वीडियो इस दावे के साथ वायरल हुआ है कि तुर्किए के सैनिक तुर्किए में घटिया निर्माण के लिए ठेकेदारों की हत्या कर रहे हैं.


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