नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक फेसबुक पोस्ट भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है. दावा किया जा रहा है कि अभिनेता मनोज वाजपेयी के भाई सुजीत वाजपेयी को बिना यूपीएससी परीक्षा पास किए डायरेक्ट एंट्री मिल गई है. सच्चाई के सेंसेक्स में हमने इस दावे की पड़ताल की है..
दावा- यूपीएससी परीक्षा देने की कोई वैल्यू नहीं
सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा देने की कोई वैल्यू नहीं है, क्योंकि परीक्षा पास किए बिना खास लोगों को सीधे ज्वाइंट सेक्रेटरी नियुक्त किया जा रहा है.
वायरल पोस्ट में लिखा है, "एक्टर मनोज वाजपेयी के भाई सुजीत वाजपेयी बिना सिविल सर्विस परीक्षा पास किए सीधे भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी बना दिए गए, वो अब नीतिगत फैसले करेंगे. जबकि उन्हें सरकार में काम करने का कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं है.. बाकी आठ को भी बिना परीक्षा के नौकरशाही में लाया गया है आप करते रहिए यूपीएससी और एसएससी की तैयारी."
वायरल पोस्ट में सुजीत वाजपेयी के नाम समेत 9 लोगों के नाम और हैं जिनके बारे में दावा है कि ये बिना UPSC परीक्षा पास किए सीधे ज्वाइंट सेक्रेटरी नियुक्त किए गए हैं.
अब जानिए सच
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने लैटरल एंट्री के जरिए ज्वाइंट सेक्रेटरी बनने वालों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में भी वो ही 9 नाम हैं जिनका जिक्र फेसबुक पोस्ट में किया गया था. पांचवें नंबर पर सुजीत वाजपेयी का नाम भी है. लेकिन चिट्ठी में लैटरल एंट्री का जिक्र है..
भारत सरकार में इसके पहले भी लैटरल एंट्रियां की जाती रही है लेटरल एंट्री का मतलब है कि वह शख्स जो आईएस नहीं है लेकिन निजी क्षेत्र का वह व्यक्ति अपनी फील्ड में विशेषज्ञ हैं और सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों को पूरा करता है तो उसे भारत सरकार में सचिव संयुक्त सचिव विशेष सचिव आदि के पद पर तैनात किया जा सकता है.
सुजीत कुमार वाजपेई ने भी भारत सरकार द्वारा साल 2018 में निकाली गई नियुक्तियों के आधार पर आवेदन किया था और इस आवेदन के दौरान सरकार ने उन्हें अपने मानकों के आधार पर खरा पाया. हमारे पास 18 सितंबर 2019 की तारीख का सुजीत वाजपेयी का नियुक्ति पत्र भी है जिसमें लिखा है लैटरल एंट्री के जरिए तीन साल के लिए उन्हें ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया जा रहा है. सुजीत कुमार वाजपेई ने NHPC मे 18 साल तक अलग-अलग पदों पर काम किया है. सुजीत वाजपेई को पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव तैनात किया गया है.
मोंटेक सिंह को भी लेटरल आधार पर दी गई थी एंट्री
मोंटेक सिंह आहलूवालिया को भी भारत सरकार ने लेटरल आधार पर एंट्री दी गई थी जिसके तहत साल 1990 में उन्हें कॉमर्स सचिव के पद पर तैनात किया गया था साल 1990 में उन्हें कॉमर्स सचिव के पद पर तैनात किया गया था. बाद में उन्हें भारत सरकार के department of economic affairs में बतौर सचिव भी तैनात किया गया.
तहकीकात में पता चला कि सुजीत वाजपेई अभिनेता मनोज वाजपेयी के भाई हैं. ये दावा सच्चा है. सुजीत वाजपेई भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी बना दिए गए ये दावा भी सच्चा है. लेकिन सुजीत वाजपेई की नियुक्ति तय मानकों के आधार पर नहीं हुई ये दावा झूठा है.
इंटरनेट पर फैल रहे हर दावे और अफवाह का सच जानने के लिए सोमवार से शुक्रवार एबीपी न्यूज़ पर 8.30 बजे 'सच्चाई का सेंसेक्स जरुर देखें.
ये भी पढ़ें-
सच्चाई का सेंसेक्स: मध्य प्रदेश के रतलाम में सिपाही के नोट बांटने का सच क्या है?
सच्चाई का सेंसेक्स: कोरोना काल में रतन टाटा के नाम पर फैलाए जा रहे संदेश का सच क्या है