Rajasthan PM Modi Viral Sach: सोशल मीडिया पर बीते दो दिनों से पीएम मोदी से जुड़ी एक फेक खबर वायरल हो रही है. इस खबर में कहा जा रहा है कि अपने राजस्थान के दौरे में उन्होंने मंदिर में सिर्फ 21 रुपये का दान दिया. कांग्रेस इसको लेकर सवाल उठा रही है. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ये गुर्जर समुदाय का अपमान है.


कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने एक वीडियो ट्वीट कर आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने गुर्जर समाज को सपना दिखाकर उनको छलने का काम किया है. लेकिन ये आरोप सच्चे नहीं हैं. हम आपको इन आरोपों की सच्चाई बताएंगे. 



पीएम मोदी के खिलाफ फैलाई गई फेक न्यूज
प्रधानंमत्री मोदी के दान को लेकर जो खबर सोशल मीडिया पर है, वो झूठ का पुलिंदा है. सबसे पहले जान लीजिए कि ये 9 महीने पहले की तस्वीर है. 28 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान के भीलवाड़ा में थे. वो देवनारायण भगवान के मंदिर पहुंचे थे. जहां उन्होंने दान पात्र में दान दिया था. 9 महीने बाद मंदिर के पुजारी ने दान पात्र खोला. जिसमें एक सफेद रंग का लिफाफा निकला. उस लिफाफे में 21 रूपये थे. इसमें एक 20 रूपये का नोट दिखाया था जबकि साथ में एक सिक्का था. पुजारी ने कहा, ये वह लिफाफा है जो पीएम मोदी ने इस दान पात्र में डाला था. 


एबीपी न्यूज के पास सबूत
एबीपी न्यूज के पास पीएम मोदी के दान करते वक्त की तस्वीर है. इस तस्वीर में साफ-साफ दिख रहा है कि पीएम मोदी दाहिने हाथ से कुछ नोट दान पात्र में डाल रहे हैं. उन्होंने वह नोट सीधे दान पात्र में डाला था. नोट डालने के बाद उन्होंने तीन-चार बार दानपात्र पर थपकी भी लगाई थी. इस वक्त मंदिर का पुजारी भी उनके ठीक पीछे मौजूद था.


प्रधानमंत्री ने जो रकम दानपात्र में डाली थी उसे कैसे भी गिना नहीं जा सकता है. दानपात्र के पलटने के लिए कहीं से भी ये नहीं कहा जा सकता कि इनमें से कौन से नोट पीएम मोदी के दान दिए हुए हैं. इसके बावजूद पुजारी ने 9 महीने बाद एक लिफाफा निकालकर ये दावा किया कि पीएम मोदी ने दान में महज 21 रुपये ही दिए हैं जबकि पीएम मोदी के दान दिए हुए नोट में कहीं से भी 20 रूपये का नोट नहीं दिख रहा है.


पीएम मोदी के नाम पर झूठ फैलाने की कोशिश
जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर एक झूठ फैलाने की महीन कोशिश की गई. क्योंकि जब से ये दावा किया गया है कि पीएम मोदी ने 21 रूपये का दान दिया तब से गुर्जर समाज के लोग उनपर सवाल उठा रहे हैं. उनके दान की रकम को कम बताकर सियासत को अपनी सहुलियत से अलग-अलग मोड़ दिए जा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पीएम के नाम पर झूठ कौन फैला रहा है.


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