1750 की प्रॉसेसिंग फीस के बदले 1 लाख का मिल रहा मुद्रा लोन, दावा वाले वायरल लेटर की क्या है सच्चाई?
सोशल मीडिया पर इन दिनो एक लेटर वायरल हो रहा है. इस लेटर के मुताबिक अगर 1750 रुपए दिए जाएं तो बदले में मुद्रा लोन के 1 लाख रुपए मिलते हैं. इस 1750 रुपए को प्रॉसेसिंग फीस बताया गया है.
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक लेटर तेजी से वायरल हो रहा है. यह पत्र सरकार की मुद्रा-लोन योजना सं संबंधित है. इस पत्र में बाकायदा बेंगलुरू का एक एड्रेस भी दिया हुआ है और मुद्रा लोन योजना के नाम की मुहर भी लगी हुई है. साथ ही यह दावा भी किया गया है कि यह एक लाख रुपए के मुद्रा लोन का अप्रूवल लेटर है.
क्या है इस वायरल लेटर का कंटेंट?
आजकल ह्वाट्सएप या मेल के जरिए सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है. इस वायरल लेटर में एक सरकारी पत्र के होने की सभी शर्तें लगभग पूरी की गई हैं. इस पर बाकायदा 'प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना' का जिक्र है और वित्त मंत्रालय की भी चर्चा है. इसमें बेंगलुरू का एक पता दिया गया है और इसे अप्रूवल लेटर बताया गया है. यह अप्रूवल लेटर 1 लाख रुपए के मुद्रा लोन के भुगतान का बताया गया है. भुगतान के लिए नेफ्ट का जिक्र है और लेटर के नीचे वाले हिस्से में बाकायदा बॉक्स बनाकर इससे संबंधित बातें लिखी गई हैं.
पड़ताल के बाद क्या पता चला?
पीआईबी ने इस लेटर का फैक्ट-चेक किया है. अपनी पड़ताल के बाद उन्होेने इसे गलत, भ्रामक और झूठा लेटर करार दिया है. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्रालय ने ऐसा कोई पत्र न तो जारी किया है, न ही ऐसा पत्र जारी करने की कोई परंपरा है. पीआईबी ने कहा है कि यह लेटर फेक है और यह फ्रॉड का एक तरीका हो सकता है.
An approval letter claims to grant a loan of ₹1,00,000 under the 𝐏𝐌 𝐌𝐮𝐝𝐫𝐚 𝐘𝐨𝐣𝐚𝐧𝐚 on payment of ₹1,750 as loan agreement charges#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 19, 2023
◾️This letter is #Fake
◾️@FinMinIndia has not issued this letter
Read more: 🔗https://t.co/cQ5DW69qkT pic.twitter.com/5h6Lf25xHT
उन्होंने लोगों को भी सावधान करते हुए कहा है कि अगर ऐसा कोई लेटर उनके पास आता भी है, तो आंख मूंदकर भरोसा न करें. अपनी निजी जानकारी या बैंक डिटेल्स वगैरह देने से भी बचना चाहिए, ऐसा पीआईबी ने कहा है. कई बार ऐसा होता है कि आप अगर ऐसी किसी चिट्ठी का भरोसा कर बिना जाने-समझे अपनी निजी जानकारी शेयर कर देते हैं, तो आपका बैंक अकाउंट हैक होने से लेकर आपकी बेहद निजी तस्वीरें या जानकारी भी चुराई जा सकती हैं.
हम भी अपने पाठकों-दर्शकों से अपील करते हैं कि ऐसे किसी भी लेटर या सूचना पर तभी भरोसा करें, जब उसको पूरी तरह वेरिफाई कर लें. सरकारी योजनाओं को वेरिफाई करने के लिए पीआईबी मौजूद है, जिसकी अपनी हेल्पलाइन है और वह लोगों से लगातार जानकारी साझा करने, वेरिफाई करने की अपील भी करते हैं. इसके अलावा भी कई सारी फैक्ट-चेक करनेवाली संस्थाएं भी अभी काम कर रही हैं, तो दिमाग की बत्ती जलाइए और केवल दिखावे पर न जाइए. आंख मूंदकर भरोसा न कीजिए.