अगर यह ग्रह हमारे हाथ लग जाए तो पृथ्वी का हर एक इंसान करोड़पति बन जाएगा.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब इस क्षुद्रग्रह के लिए अपना एक रिसर्च सैटेलाइट 5 अक्टूबर 2023 को लॉन्च करने वाली है.



अगर यह सैटेलाइट योजना के मुताबिक चला तो यह 2029 तक साइकी के गुरुत्वाकर्षण वाली कक्षा में पहुंच जाएगा.



सैटेलाइट दो साल तक इस ग्रह की परिक्रमा करते हुए इस क्षुद्रग्रह के बारे में अधिक जानकारियां जुटाएगा.



इस दौरान सैटेलाइट इसकी जियोग्राफी, धातु की उपलब्धता, तापमान सरीखी चीजों की गणना करेगा.



इस क्षुद्रग्रह में एक दिन 4.196 घंटे का होता है. इसका वजन चंद्रमा के वजन के 1 प्रतिशत होता है.



इस क्षुद्रग्रह की खोज 1852 में इटली के खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस ने की थी.



यह क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है, इसलिए दोनों ग्रहों के बीच दूरी घटती-बढ़ती रहती है.



नासा साइकी के लिए अपने मिशन को उस दिन लॉन्च करेगा जब दोनों ग्रहों के बीच दूरी सबसे कम होगी.



इस ग्रह का एक हिस्सा सूर्य की तरफ होने के कारण बहुत गर्म तो एक हिस्से में अंधेरे की वजह से बहुत ठंडा है.