देश में 21 तोपों की सलामी का इतिहास 150 साल पुराना है

आज के समय में सलामी के लिए 7 तोपों का इस्तेमाल किया जाता है

आपने देखा होगा कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस के दिन 21 तोपों की सलामी दी जाती है

पहले के दौर में तोपों की सलामी भव्यता और रौब का प्रदर्शन करने के लिए किया जाता था

अंग्रेजों ने दिल्ली में 1877,1903 और 1911 में भव्यता के 3 प्रदर्शन आयोजित किए थे

अंग्रेजों के दौर में 21 तोपों की सलामी देने का चलन था

आजाद भारत में पहली बार 21 तोपों की सलामी की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी

21 तोपों की सलामी का मतलब 21 गोलों से है

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान केवल 7 ही तोपों का इस्तेमाल किया जाता है

इस दौरान हर एक तोप से 3 गोले दागे जाते हैं

वैसे परेड के दौरान 8 तोपें लाए जाते हैं

ताकि किसी इमरजेंसी में एक्स्ट्रा तोप का इस्तेमाल किया जा सके