अधिक उपज के लिए किसान कई तरह के उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं

इसके वजह से उत्पाद और मिट्टी की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है

उर्वरकों के कारण पानी का स्तर भी काफी गिर जाता है

 ऐसे में किसानों को समय-समय पर सॉइल टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए 

सॉइल टेस्ट के जरिए मिट्टी में मौजूद पोषण तत्वों की जानकारी होती है

टेस्ट के आधार पर खाद का उपयोग किया जाता है

जिस कारण से मिट्टी की सेहत भी बनी रहती है

इससे सीमित संसाधनों में फसलों का बेहतर उत्पादन किया जा सकता है

मिट्टी में लगभग 17 प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं

मिट्टी की जांच कराने के बाद खेती करने पर फसल काफी अच्छा होता है