कुछ जख्मों के कर्ज लफ्जों से अदा नहीं होते अगर समझोगे तो समझ जाऊंगी, अगर समझ गई तो बिखर जाऊंगी कभी-कभी इंसान कुछ नहीं कहकर भी, सबकुछ कह देता है पैसा वहीं लगाया जाता है जहां से फायदा मिले तवायफों की तकदीर में शौहर नहीं होते कैसे करता वो गुरूर, उस चांद पर दाग जो है सौ अंधेरों में भी रौशन हो, उस हकीकत की तलाश है आपके आंसू बड़े वफादार हैं, आपकी इजाजत के बिना बाहर नहीं निकलते मैं किसी की जरूरत नहीं, ख्वाहिश बनना चाहती हूं खूबसूरती तो ढल जाती है, पर्सनालिटी तो मौत के बाद भी जिंदा रह जाती है