तू जान दे सकता है, मैं जान ले सकता हूं..
तेरी मिट्टी जज्बात से जुड़ी है...
लोग वसीहत में बहुत कुछ छोड़ जाते हैं...
हर मराठा पागल है ... स्वराज का, शिवाजी राजे का, बगवे का
जिसे हारने का डर नहीं...जीत उससे दूर नहीं
उदयभान के दरबार में ग़ुलामी की माफ़ी नहीं बस सजा मिलती है...