बादशाह अकबर एक दिन शिकार पर निकले तो रास्ता भटक गए. तब उनकी मुलाकात एक लड़के से हुई, जिसका नाम महेश दास (बीरबल) था. अकबर ने बीरबल से पूछा, आगरा के लिए कौन सी सड़क जाती है? बीरबल ने कहा, जनाब! ये सड़क चल नहीं सकती तो आगरा कैसे जाएगी. अकबर ने कहा तुम ठीक कह रहे हो, तुम्हारा क्या नाम है. बीरबल ने कहा, मेरा नाम महेशा दास है और उसने आगरा जाने का रास्ता बताया. जंगल में हुई मुलाकात के बाद बीरबल फिर से अकबर के दरबार में मिले. अकबर ने बीरबल की चतुराई और बुद्धिमानी देख उसे दरबार का वजीर बनाया. कहा जाता है कि बीरबल बादशाह अकबर के नवरत्नों में एक थे. अकबर-बीरबल का साथ ऐसा चला कि, उनके किस्से इतिहास के पन्नों में रच-बस गए.