'तिरछी निगाहों से न देख आशिक़-ए-दिलगीर को... कैसे तीरअंदाज़ हो तुम, ज़रा सीधा तो कर लो तीर को'
'मुझे अच्छा बनने का कोई शौक नहीं है... सुना है ऊपर वाला अच्छे लोगों को बहुत जल्द अपने पास बुला लेता है'
'किसकी मजाल जो छेड़े दिलेर को... गर्दिश में घेर लेते है गीदड़ भी शेर को'
'हीरो मरने के बाद स्वर्ग जाता है और विलेन जीते जी स्वर्ग पाता है'
'डोंट एंग्री मी !'