Non-convertible debentures (NCD) से कंपनियों में पैसा जुटाने का चलन बढ़ रहा है

एनसीडी के जरिए कंपनी बाजार से पैसे जुटाती हैं एनसीडी से जुटाया गया पैसा कर्ज (Debt) होता है

NCD में सालाना 8.5-9.5 फीसदी से 10 परसेंट तक का रिटर्न भी मिला है

NCD में अलग अलग मैच्योरिटी पीरियड होता है

NCD में अलग अलग ब्याज दर तय होता है एनसीडी पर 10 फीसदी तक रिटर्न मिल जाता है

हर कंपनी के एनसीडी में निवेश करना सुरक्षित नहीं है पैसे की सुरक्षा कंपनी की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करती है

एनसीडी दो तरह की होती हैं सिक्योर्ड एनसीडी और अनसिक्योर्ड एनसीडी सिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी की सिक्योरिटी होती है और अनसिक्योर्ड एनसीडी में नहीं होती है

सिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी के एसेट बेचकर इंवेस्टर्स अपना पैसा ले सकते हैं अनसिक्योर्ड एनसीडी में निवेशकों को पैसा वापस मिलना मुश्किल होता है

दरअसल कॉरपोरेट कंपनियां कर्ज जुटाने के लिए एनसीडी जारी करती हैं जिसे इक्विटी में नहीं बदल सकते है

NCD में मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है इसमें 10 साल तक के लिए पैसे लगा सकते हैं