पर्यावरण में हो रहे असामान्य बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है

पर्यावरण में हो रहे असामान्य बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है

कभी कोरोना तो कभी, बाढ़, भूकंप और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं



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इन प्राकृतिक घटनाओं को लेकर जानवरों को पहले ही आभास हो जाता है

कई जानवरों में ऐसे संवेदी अंग होते हैं, जो भविष्य की घटनाओं का आभास कर लेते हैं

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ये धरती की तरंग-हलचल से पहले ही सतर्क हो जाते हैं और इंसानों को भी आगाह करते हैं

सांप अपने जबड़े से धरती की हलचल भांपते हैं. ये आपदा से पहले बिल छोड़कर चले जाते हैं

मेंढक भी भूकंप या बाढ़ से पहले ही एक साथ नदी-तालाब को छोड़कर पलायन कर जाते हैं

राजहंस पक्षी झुंड बना लेते हैं तो बतखें डर से पानी में उतर जाती है. मोर भी झुंड में चीखने लगते हैं

बाढ़-सुनामी महसूस करके मछलियां भी समुद्र-नदी की तली में छिप जाती हैं और किनारे पर नहीं आतीं

पशु, पक्षी और रेंगने वाले पशु कई दिन पहले ही भूस्खलन, भूकंप या ज्वालामुखी की घटना को भांप जाते हैं

पशु, पक्षी और रेंगने वाले पशु कई दिन पहले ही भूस्खलन, भूकंप या ज्वालामुखी की घटना को भांप जाते हैं