1.5 किलोमीटर चौड़ा एक एस्टेरॉयड यानी उल्कापिंड पृथ्वी की राह में आने को है ये उल्का पिंड बहुत खतरनाक बताए जा रहे हैं इसकी टक्कर से धरती पर जीवन खत्म हो सकता है फिलहाल ये सूरज के पीछे छिपा है उल्कापिंड के आकार पर खतरा निर्भर करता है कुछ टकराने वाला उल्कापिंड बड़े आकार के होते हैं जो धरती के लिए बड़ी तबाही ला सकते हैं बहुत से उल्का पिंड धरती के पास से निकल जाते हैं कुछ धरती के वायुमण्डल में प्रवेश करते ही घर्षण से जल जाते हैं उल्कापिंड सूर्य के प्रचंड गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में रहते हैं