आर्टिफिशियल बारिश कराने का प्रयास तभी किया जा सकता है जब बादल हों या नमी हो



‘क्लाउड सीडिंग’ में संघनन को बढ़ावा देने के लिए पदार्थों को हवा में फैलाया जाता है



जिसके परिणाम स्वरूप बारिश होती है



‘क्लाउड सीडिंग’ के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे आम पदार्थों में सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड और शुष्क बर्फ शामिल हैं



इस तकनीक का उपयोग दुनिया के विभिन्न हिस्सों में किया गया है



मुख्य रूप से उस स्थान पर जहां पानी की कमी या सूखे की स्थिति होती है



दिल्ली में इन दोनों वायु प्रदूषणअपने चरम पर है



वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इस महीने सरकार ‘क्लाउड सीडिंग’ के जरिए आर्टिफिशियल बारिश कराने की योजना बना रही है



इसको लेकर के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ने आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की



इस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों से मंजूरी प्राप्त करना होता है