अघोरी, शिव के अघोरनाथ रूप की उपासना करते हैं. वे श्मशान घाट में रहते हैं और भगवान शिव और माता काली की पूजा करते हैं. रातों को जागकर चिताओं से अधजली लाशों को निकालकर उनके साथ तंत्र क्रिया करते हैं. अघोरी बाबा भैरवनाथ को भी अपना आराध्य मानते हैं. जानतें हैं अघोरी की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है. अघोरी का अंतिम संस्कार नहीं होता है. अघोरियों के मृत शरीर को जलाने की जगह उन्हें गंगा में बहा दिया जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से अघोरी के सारे पाप धुल जाते हैं. अघोरी साधुओं को साधु बनने से पहले अपना अंतिम संस्कार करना होता है.