गुप्त नवरात्रि 10 महाविद्या की पूजा-उपासना के लिए समर्पित है.

गुप्त नवरात्रि में तप और साधना करने से दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति होती है.

इसमें काली, तारा, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और मां कमला की साधना होती है.

गुप्त नवरात्रि साल में दो बार पड़ती है. आषाढ़ माह की नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है.

इस वर्ष यानी 2024 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 06 जुलाई से हो रही है.

06 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक आषाढ़ गुप्त नवरात्रि रहेगी.

6 जुलाई को घटस्थापना के लिए सुबह 5:11 से लेकर 7:26 तक मुहूर्त रहेगा.

वहीं अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना के लिए सुबह 11 से 12 बजे का मुहूर्त रहेगा.

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