चाणक्य नीति में ऐसे लोगों का जिक्र किया गया है
जो मृत्यु के बाद नर्क में स्थान पाते हैं.


चाणक्य के अनुसार दुष्ट और नीच प्रवृत्ति रखने वाले लोग
नर्क भोगने के अधिकारी होते हैं.


चाणक्य नीति कहती है धन, वासना के लालच और अहंकार
में डूबा व्यक्ति नरक का भोगी बनता है.


अपने कर्मों से माता-पिता, बुजुर्गों, स्त्री का दिल दुखाने
वालों को नर्क में स्थान मिलता है.


अपनों से बैर रखने, स्वार्थ के लिए दूसरों का अहित
करने वालों को नरक भोगना पड़ता है.


चाणक्य कहते हैं अपनी वाणी से दूसरों को कष्ट पहुंचाने
वाले कभी सुखी नहीं रहती है.


गरीबों का शोषण करने वाला, बालिकाओं के प्रति बुरे विचार
रखने वाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद नर्क में स्थान मिलता है.


मुंह पर मीठे और पीठ पीछे छुरा अपनों का ही नुकसान करने
वाला व्यक्ति स्वर्ग में स्थान नहीं पाता.


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