चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं का धार्मिक होना परिवार के लिए
अच्छा होता है. ईश्वर की पूजा से व्यक्ति सही-गलत फर्क समझता है.


चाणक्य के अनुसार जो महिला धन संचय करती हैं उनके परिवार पर
कभी विपत्ति नहीं आती.


चाणक्य ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना चाहिए, तभी
वह समाज में खुद का वजूद बना पाने में सक्षम होंगी.


परिवार को साथ लेकर चलने वाली, मृदु भाषी, मन से शुद्ध विचार
रखने वाली महिलाएं परिवार के लिए बेहद भाग्यशाली होती है.


चाणक्य नीति के अनुसार जो स्त्री मन से शांत हो वह किसी
भी परिस्थिति में क्रोध नहीं करती है.


धैर्यवान स्त्री न सिर्फ अपने जीवन में खुश रहती है बल्कि
इनके परिवार वाले भी सुख पाते हैं.


चाणक्य कहते हैं कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बुद्धिमान होती हैं.



महिलाएं पुरुषों से छह गुना ज्यादा साहसी होती हैं. चाणक्य के
अनुसार ऐसी स्त्री विकट परिस्थिति में भी घबराती नहीं.