स्त्री के अच्छे गुणों से न सिर्फ उसका व्यक्तित्व संवरता है

बल्कि गुणी स्त्रियां विवाह के बाद घर को स्वर्ग बना देती है.

इन गुणों वाली स्त्री से विवाह के बाद घर में सुख-शांति रहती है.

चाणक्य स्त्री के ऐसे गुण के बारे में बताते हैं जो वरदान के समान है.

स्त्री के जीवन में लक्ष्य होना उसका पहला गुण होता है.

मुश्किल परिस्थिति में जीवनसाथी का संबल बनने वाली स्त्री.

जीवनसाथी की उपलब्धियों पर गर्व करने वाली स्त्रियां

और जीवनसाथी की कमियों को दूर कर प्रेरित करने वाली महिला.