हिंदू धर्म के अनुसार चंड-मुंड राक्षस थे



चंड मुंड यह दोनों राक्षस शुंभ-निशुंभ की सेवा में थे



शुंभ ने उन्हें देवी कौशिकी से युद्ध करने भेजा



फिर देवी कौशिकी काली हो गई और उन्होंने चंड-मुंड का सिर उछालकर वध कर दिया



इसके बाद देवी कौशिकी ने काली माता का नाम चामुंडा रखा



चंड-मुंड राक्षस का वध बिहार के कैमूर जिले में महामाई मु़ंडेश्र्वरी धाम में हुआ था



चैनपुर में हरसुब्रह्मा धाम में चंड और मुंडेश्र्वरी धाम में मुंड रहते थे



स्थानीय लोगों के मुताबिक देवी चामुंडा ने चंड-मुंड का संहार पर्वत की चोटी से पत्थर फेंककर किया था



स्कंद पुराण के अनुसार चंड-मुंड सूर्य देवता की पूजा करते थे