पंचांग के अनुसार 15-15 दिनों के दो पक्ष
(कृष्ण और शुक्ल) होते हैं.
जब किसी पक्ष में दो तिथियां क्षय होती है या 13 दिनों का
होता है तो दुर्योग काल बनता है.
तेरह तिथियों के पक्ष वाले इस दुर्योग को देश-दुनिया
के लिए अशुभ माना जाता है.
इसलिए इस दौरान शुभ कार्य न करने
की सलाह दी जाती है.
वेदों में भी दुर्योग नाम के इस काल को
नुकसानदायक बताया गया है.
इस साल आषाढ़ में दुर्योग काल का निर्माण हुआ है,
जो 23 जून-5 जुलाई तक है.
इस साल आषाढ़ कृष्ण पक्ष 13 दिनों की है. इसमें
द्वितीया और चतुर्थी तिथि क्षय है.
महाभारत युद्ध के दौरान भी दुर्योग काल
का निर्माण हुआ था.
इस बार भी दुर्योग काल में अशुभ घटनाएं हुईं. हाथरस भगदड़
की घटना भी इसी दौरान हुई.
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