डोगरा एक बहादुर राजपूत जाति के तौर पर जानी जाती है. इस जाति का इतिहास बेहद शानदार है और बहादुरी से भरा है

एक जानकारी के अनुसार चिनाब और सतलज नदी के बीच का जो इलाका है वहां रहने वालों को डोगरा कहा जाता है.

इस इलाके में रहने वाले लोगों को ही डोगरा कहकर संबोधित किया गया.

भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद जम्मू प्रांत में इनकी आबादी सबसे ज्यादा है

अधिकांश डोगरा हिंदू धर्म को मानते हैं. हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते हैं

डोगरा हिंदू त्योहारों को पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाते हैं.

1899 में कैप्टन 'A H Bingley' की किताब 'DOGRAS' में इस जाति और धर्म के बारे में बताया गया है.

16-17वीं शताब्दी में कुछ डोगरा ने इस्लाम धर्म भी स्वीकार किया.

डोगरा मुस्लिम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आज भी रहते हैं.

जम्मू को डोगराओं का पैतृक घर माना जाता है