रावण एक पराक्रमी योद्धा होने के साथ-साथ प्रकांड विद्वान,राजनीतिज्ञ और महाज्ञानी भी था.



रावण को लंकेश और लंकापति भी कहा जाता है



मान्यता है कि यह सोने की लंका भगवान शिव ने माता पार्वती के कहने पर विश्वकर्मा से बनवाई थी



रावण की नज़र जब इस सोने के महल पर पड़ी तो उसके मन में लालच जाग गया



रावण ने लंका को अपना बनाने के लिए षड़यंत्र रचा



वह ब्राह्मण का भेस धारण करके भगवान शिव के पास गया



भगवान शिव से गहन चर्चा करने के बाद उसने भगवान शिव से सोने की लंका मांग ली



इस प्रकार रावण ने छल से सोने की लंका हासिल की



ऐसी भी मान्यता है कि रावण बहुत बड़ा शिव भक्त भी था