महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.

गांधी जी ने अपनी आत्मकथा में लिखा था, भारतवर्ष की उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में

मातृभाषा के अतिरिक्ति संस्कृत, फारसी, अरबी और अंग्रेजी का स्थान होना चाहिए

गांधी जी ने कहा था, भाषाओं की इस संख्या से किसी को डरना नहीं चाहिए.

गांधी जी का जन्म गुजरात में हुआ था, ऐसे में उनकी मातृभाषा गुजराती थी.

गांधीजी को हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती भाषाएं अच्छी तरह से जानते थे.

इसी के साथ बचपन में स्कूल के दौरान उन्होंने संस्कृत सीखी.

दक्षिण अफ्रीका में मुसलमानों के साथ काम करते हुए उन्होंने उर्दू सीखी.

मद्रास (अब चेन्नई) में सत्याग्रह में हिस्सा लेने वाले मजदूरों के कारण उ न्होंने कुछ दक्षिण भारतीय भाषाएं भी सीखीं.

इसके साथ ही उन्हें मराठी, तमिल और लैटिन भाषाओं का कुछेक ज्ञान भी था.