धार्मिक अनुष्ठान में घी की अहम भूमिका होती है. घी का दीपक प्रज्वलित करने के बाद देवी-देवता पूजा स्वीकारते हैं. घी को संस्कृत में ‘घृत’ कहा जाता है. रोज घर में दीपक घी को संस्कृत में ‘घृत’ कहा जाता है. रोज घर में दीपक शिव पुराण के अनुसार घी का दान करने से शारीरिक कमजोरी और बीमारियों से मुक्ति मिलती है. पंचामृत में घी जरुर मिलाया जाता है. घी से शिव जी का अभिषेक करने पर वंश वृद्धि का वरदान मिलता है. घी पवित्रता का प्रतीक है. पूजा में गाय के घी से बने मिष्ठान घी पवित्रता का प्रतीक है. पूजा में गाय के घी से बने मिष्ठान गाय के घी में रोगाणुओं को दूर करने की क्षमता होती है. घी जब अग्नि के संपर्क में आकर जलता है तो वातावरण को स्वच्छ बनाता है. घी का संबंध शुक्र ग्रह से संबंध है, घी का दान करने से शुक्र मजबूत होता है आर्थिक मजबूती होती है. नवरात्रि में 9 दिनों तक देवी मां को प्रसन्न करने के लिए गाय के घी की अखंड ज्योति जलाई जाती है.